रियल एस्टेट और स्टॉक मार्केट, दोनों ही पैसा कमाने और बढ़ावे के भरोसेमंद तरीकों में शामिल हैं. हालांकि, निवेशकों के बीच इसको लेकर हमेशा विवाद भी रहता है कि आखिर इन दोनों में से बेहतर विकल्प क्या है. वह विकल्प जहां आपको कम रिस्क में ज्यादा कमाई करने का मौका मिलेगा. अगर आप इस भी दुविधा में हैं तो आज इस लेख से कुछ हद आपकी ये परेशानी थोड़ी कम हो जाएगी.
एक सोची-समझी निवेश रणनीति आपको अपने फ्यूचर गोल्स के लिए ज्यादा कुशल और प्रभावी तरीके से पैसा जमा करने में मदद करती है. इसलिए स्टॉक या प्रॉपर्टी में से किसी एक को चुनने लेने से पहले आपके लिए जान लेना जरूरी है कि आपकी जरूरत के हिसाब से कौन सा विकल्प ज्यादा बेहतर रहेगा. आज हम कुछ एक्सपर्ट्स की इस पर राय को आपके सामने रखेंगे जिसके आधार पर आपको फैसला लेने में थोड़ी आसानी होगी.
रियल एस्टेट वेल्थ बिल्डिंग एसेट
गौड़ ग्रुप के सीएमडी व क्रेडाई एनसीआर के प्रेसीडेंट मनोज गौड़ कहते हैं कि रियल्टी में निवेश लंबी अवधि का और वेल्थ बिल्डिंग वाला होता है. उनका कहना है कि इसकी मार्केट में वैल्यू लगभग हमेशा अच्छी बनी रहती है और मूल्य में अच्छी वृद्धि होती रहती है. उन्होंने कहा कि ऐसा बहुत कम ही होता है जब विक्रेता अपनी प्रॉपर्टी मार्केट के दामों पर न बेच पाए. बकौल गौड़, लोगों के पास बढ़ती आमदनी और आराम से उपलब्ध होने वाले होम लोन्स ने इस क्षेत्र में और उछाल ला दिया है. वहीं, स्टॉक को लेकर वह कहते हैं कि ये शुरुआत में भले आपको अच्छा रिटर्न दें लेकिन एक झटके में ही वह सारा रिटर्न खत्म भी हो सकता है. रियल एस्टेट आपको अधिक सुरक्षा और हाई रिटर्न का भरोसा देता है.
रेंटल हाउसिंग की बढ़ी डिमांड
रेजिडेंशियल भारतीय अर्बन के सीईओ अश्विंदर आर. सिंह कहते हैं कि हाल में रेंटल हाउसिंग की मांग बहुत बढ़ी है. इसलिए ये वेल्थ जेनरेशन का भी अच्छा तरीका बन गए हैं. जैसे-जैसे लोगों वापस ऑफिस लौट रहे हैं किराए पर घर, फ्लैट या अपार्टमेंट की मांग में उछाल आ रहा है. अच्छी डिमांड के कारण रेंट भी बढ़ गया है और मकानमालिकों को अच्छा रिटर्न मिल रहा है. वह कहते हैं कि स्टॉक्स काफी जोखिम और अनिश्चितता से भरे होते हैं. लोगों ने कोविड-19 के दौरान काफी पैसा गंवाया है और अब वे किसी भरोसेमंद निवेश विकल्प की ओर देख रहे हैं जो उन्हें रियल एस्टेट में दिख रहा है.