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भारत की जमीन पर कब्जा करने चीन की नई चाल, अपने दावे को मजबूत करने अब जुटा रहा फोटोग्राफिक एविडेंस

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भारत और चीन की सीमा पर किसी तरह की कोई दीवार नहीं है. एक वास्तविक रेखा है जिसे चीन मानने को तैयार नहीं. एक क्लेम लाइन है, जिससे चीन छेड़छाड़ करने में लगा रहता है. अब चीन अपने क्लेम को मजबूत करने के लिए कैमरों का सहारा ले रहा है. सुन कर अजीब जरूर लग रहा हो लेकिन यह सच है. दरअसल, चीनी सैनिक अपनी क्लेम लाइन तक पेट्रोलिंग करने के मक्सद से एलएसी पार कर भारतीय इलाके में घुस आता था. वहां पर थोड़ी देर तक रुक कर तस्वीरें खिंचवा कर, सिगरेट और खाने के पैकट छोड़कर वापस लौट जाता था. अब इन तसवीरों के बूते चीन यह साबित करने की कोशिश कर रहा है कि वो उसका इलाका है. उनकी सेना पहले से ही उस जगह तक पेट्रोलिंग करती है जिसे भारतीय सेना जबरन रोकती है.

तवांग में हुई झड़प के बाद भी चीनी विदेश मंत्रालय की तरफ से बयान जारी हुआ था कि वो तो अपने इलाके में गश्त कर रहे थे और भारतीय सेना ने आकर उनका रास्ता रोका, लेकिन हकीकत तो ये है कि वो भारतीय इलाके में क़ब्ज़े के मक़सद से आया थे जिन्हें भारतीय सेना ने मार भगाया. सूत्रों की मानें तो यांगत्से में पिछले साल हुई घटना, जिसकी विडियो भी बहुत वायरल हुआ है, चीनी सेना उस जगह से कुछ मीटर दूर उनके दावे वाली लाइन के क़रीब जाना चाहते थे, जिन्हें भारतीय सेना ने रोका और चीनी सैनिकों को बंधक बनाया था.

चीन ने किया था दावा

सूत्रों की मानें तो चीनी सैनिक इस बात की गुहार तक लगाते हैं कि उन्हें उनकी क्लेम लाइन तक जाने दिया जाए और बस एक फोटों खिंचवा कर वापस लौट जाएंगें कि उनके अफ़सर का दिया गया पेट्रोलिंग टास्क को उन्होंने पूरा कर लिया है. अगर ऐसा नहीं किया तो उनके अफसर उस पेट्रोलिंग को पूरा नहीं मानते. जब भारतीय सेना इस तरह की गुहार को ख़ारिज कर देती है तो नौबत धक्कामुक्की और फेसऑफ की आ जाती है. चीन लंबे समय से इसी तरह से ज़मीन हड़पने के प्लान पर काम कर रहा है. जितने भी फेसऑफ की नौबत आती है उसके पीछे की यही वजह है. 1999 में जब भारतीय सेना कारगिल की पहाड़ियों से पाकिस्तानी सेना को खदेड़ने में लगी थी तभी उसने फ़िंगर 8 से फिंगर 4 तक सड़क बना डाली थी.

भारतीय क्लेम है कि पैंगग में एलएसी फ़िंगर 8 से गुजरती है तो चीन कहता है कि फ़िंगर चार से. लद्दाख में पैंगाग झील के फ़िंगर इलाक़े में फ़िंगर 8 से फ़िंगर 4 तक आने का चीन का सफर भी बहुत पुराना है. पहले चीन की ऑबजर्वेंशन पोस्ट फिंगर 8 के पीछे हुआ करती थी और जैसे ही भारतीय सेना अपने इलाक़े तक पेट्रोलिंग करने के लिए निकलती थी तुरंत चीनी पीएलए आकर रास्ता रोक देती थे, क्योकिं उनकी रेंसपॉंस टाइम भारतीय सेना के मुक़ाबले कहीं कम था. लेकिन अब भारतीय सेना ने पिछले कुछ साल में इस रेसपॉंस टाइम के कम करने के लिए यानी की कम समय में फेसऑफ के लोकेश तक पहुंचने के लिए बड़ी तेजी से काम किया है.

एलएसी पर भारतीय सेना के हर पोस्ट तक अब सड़के हैं और आसानी ने गाड़ियों के सहारे भी वहां तक पहुंचा जा सकता है. फेसऑफ की नौबत के दौरान तो आस-पास के पोस्ट से भी भारतीय सेना कम समय में उस जगह तक पहुंच जाती है. भारतीय सेना की क्विक रेसपॉंस टीम की मुस्तैदी ने चीनी सेना के प्लान पर पानी फेर रखा है.

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