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क्‍या पुरानी एफडी तोड़कर फिर से डिपॉजिट कराने पर मिलेगा ज्‍यादा ब्‍याज? जानिए नफा-नुकसान का पूरा गणित

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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने साल 2022 में रेपो रेट (Rapo Rate) में भारी बढ़ोतरी की है. रिजर्व बैंक के ब्‍याज दरों में वृद्धि का असर यह हुआ है कि पर्सनल लोन, कार लोन और होम लोन महंगे हो गए हैं. रेपो रेट में बढ़ोतरी का फायदा उन लोगों को हुआ है, जो बैंकों में फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (Bank FD) कराते हैं. बैंकों ने रेपो रेट बढ़ने के बाद एफडी की ब्‍याज दरों में भी इजाफा किया है. केंद्रीय बैंक ने पिछले 7 महीनों में ब्याज दरों में 2.25% तक की बढ़ोतरी की है. हालांकि, बैंकों ने रेपो रेट के अनुपात में तो एफडी का ब्‍याज (FD Rate Hike) नहीं बढ़ाया है. लेकिन, फिर भी ब्‍याज में ठीक ठाक वृद्धि की है. इस साल मई महीने में SBI जहां 1 साल की एफडी पर 5.10-5.20% तक ब्याज देता, अब ये बढ़कर 6% तक पर पहुंच चुका है.

ज्‍यादातर ग्राहक फिक्स्ड रेट डिपॉजिट (FD) को ही प्राथमिकता देते हैं. इस कारण जो ग्राहक बैंकों के एफडी का ब्‍याज बढ़ाने से पहले एफडी करा चुके हैं, उनको बढ़ी हुई ब्‍याज दरों का फायदा बैंक नहीं देते. फिक्स्ड रेट एफडी की ब्‍याज दरें उसकी मैच्‍योरिटी अवधि तक निर्धारित होती है. अगर बैंक ब्‍याज बढ़ाते हैं तो इसका फायदा केवल नई एफडी कराने पर या फिर एफडी रिन्‍यू कराने पर ही होता है. अब एफडी के ब्‍याज रेट बढ़ने पर सवाल उठता है कि ज्‍यादा ब्‍याज पाने को क्‍या पुरानी फिक्‍स्‍ड रेट एफडी को तुड़वाकर नई एफडी करा लेनी चाहिए? क्या इससे आपको फायदा मिलेगा? इस सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं है. लेकिन, अगर आप कुछ बातों पर गौर करेंगे, तो आपको पता चल जाएगा कि एफडी तुड़वाने से आपको फायदा होगा या नुकसान.

चल रही एफडी की मैच्योरिटी
सबसे पहले तो ये जरूर चेक कीजिए की आपकी एफडी (FD Maturity ) कब मैच्योर हो रही है. अगर आपकी एफडी अगले 6 महीनों में मैच्योर हो रही है तो चल रही एफडी तोड़कर फिर से दूसरी एफडी में निवेश करना आपके लिए फायदेमंद विकल्प नहीं होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि एफडी पर ब्याज सालाना आधार पर जोड़ा जाता है.

पेनल्‍टी पर करें गौर
आपको यह भी जरूर देखना चाहिए की मैच्योरिटी से पहले अपनी एफडी तोड़ने पर आपको कितनी पेनल्टी देनी होगी. अधिकतर बैंक ये पेनल्टी 0.50-1% की दर से लेते हैं. मैच्योरिटी से पहले एफडी तोड़ने पर बैंक पेनल्टी के तहत ब्याज घटाकर ही आपको कुल रकम देंगे. इससे आपको घाटा हो सकता है.

कितना मिलेगा ब्‍याज?
एफडी तुड़वाने से पहले यह भी देखना होगा कि समय से पहले पैसा निकालने पर आपके पास दोबारा निवेश के क्या विकल्प होंगे. क्या इन विकल्प में इतना अतिरिक्त ब्याज मिल जाएगा, जो मौजूदा एफडी दरों और पेनाल्टी से ज्यादा हो. अगर ऐसा नहीं होता है तो एफडी नहीं तुड़वानी चाहिए.

टैक्स पर भी दें ध्‍यान
एफडी डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज इनकम टैक्स के दायरे में आता है. नेट यील्ड कैलकुलेट करते समय आपको इस पर लगने वाले टैक्स का मूल्यांकन कर लेना चाहिए. मान लीजिए कि अगर आप 30% टैक्स स्लैब में आते हैं तो आपको एफडी पर टैक्स भी इसी हिसाब से देना होगा.

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