भारत और चीन (India China Tawang Clash) के सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के तवांग में झड़प होने के बाद भारतीय सेना पूरी तरह से अलर्ट हो गई है. इसके बाद तवांग सेक्टर में भारतीय वायु सेना (IAF) और सेना वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रही है. चीनी पीएलए सैनिकों (Chinese PLA troops) द्वारा गत 9 दिसंबर को यथास्थिति बदलने के चीन की घुसपैठ के बाद भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने क्षेत्रों में समग्र निगरानी बढ़ा दी है.
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद के दोनों सदनों को बताया कि झड़प में हमारे किसी जवान की मौत नहीं हुई और न ही उसे कोई गंभीर चोट आई है. उन्होंने कहा कि भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण पीएलए सैनिक पीछे हट गए हैं. रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि इस मामले को राजनयिक माध्यमों से चीन के साथ भी उठाया गया है. उन्होंने सदन को आश्वस्त करते हुए कि हमारी सेनाएं हमारी सीमाओं की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे चुनौती देने के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए तैयार हैं.
भारतीय और चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी के पास भिड़ गए थे और इसके कारण दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को ‘मामूली चोटें’ आईं. पूर्वी लद्दाख के पास अगस्त 2020 के बाद दोनों सशस्त्र बलों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी.
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय वायुसेना और सेना दोनों द्वारा स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. इस बीच, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया है कि ‘भारत’ सीमा पर स्थिति स्थिर है. उन्होंने कहा कि जहां तक हम समझते हैं, चीन-भारत सीमा की स्थिति समग्र रूप से स्थिर है. दोनों पक्षों की ओर से “कूटनीतिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से सीमा मुद्दे पर अबाधित बातचीत बना रखी है.
इस घटना से कुछ सप्ताह पहले, अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा हवाई उल्लंघन को रोकने के लिए भारतीय वायुसेना के विमानों को 2-3 मौकों पर उतारा गया था. भारतीय चौकियों की ओर चीनी ड्रोन एलएसी पर बढ़ रहे थे.
रक्षा सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि पिछले कुछ सप्ताह में, 2 से 3 मौकों पर हमारे लड़ाकू विमानों को LAC पर चीनी ड्रोनों से निपटने के लिए हाथापाई करनी पड़ी. यह ड्रोन हमारी स्थिति की ओर बढ़ रहे थे. हवाई उल्लंघन के खतरे से निपटने के लिए Su-30MKI जेट विमानों को उतारना पड़ा था.
उन्होंने कहा कि IAF ने राफेल जेट (Rafale jets) विमानों को पश्चिम बंगाल (West Bengal) के हाशिमारा (Hashimara) में बहुत करीब तैनात किया है और S-400 का संचालन करके अपने वायु रक्षा कवरेज को मजबूत किया है. यह असम क्षेत्र में करीब-करीब पूरे एरिया को किसी भी हवाई खतरे से निपटने में सक्षम है.