गूगल अपने क्रोम यूजर्स के लिए पासकी (passkey) का फीचर लेकर आया है. यह यूजर के सुरक्षा घेरे को बढ़ाएगा. गूगल क्रोम के यूजर्स को पासकी का फीचर इस हफ्ते मिलना शुरू हो गया है. इन्हें पासवर्ड के अधिक सुरक्षित रिप्लेसमेंट के रूप में देखा जाता है. गूगल अब पासवर्डलैश ऑथेंटिकेशन की ओर बढ़ रहा है और पासवर्ड की जगह पासकी को सामने ला रहा है. पासकी को रीयूज नहीं कर सकते. इसे लीक नहीं कर सकते जिससे धोखाधड़ी का खतरा काफी हो जाएगा.
पासकी के साथ साइन-इन करने के लिए आपको उसे उसी तरह ऑथेंटिकेट करना होगा जैसे आप अपना फोन अनलॉक करते हैं. अभी विंडोज, मैक ओएस व एंड्रॉयड पर क्रोम में पासकी का इस्तेमाल हो सकता है. आप कंप्यूटर इस्तेमाल करते समय किसी नजदीकी मोबाइल डिवाइस का इस्तेमाल पासकी ऑथेंटिकेट करने के लिए कर सकते हैं. यहां पासकी आपके मोबाइल से बाहर नहीं निकलेगा, बस आपके फोन पर आया एक कोड एक्सचेंज होगा.एंड्रॉयड पर पासकी को और सुरक्षित करने के लिए इसे गूगल पासवर्ड मैनेजर से सिंक किया जा सकता है. एक बार फोन पर पासकी सेव होने के बाद आप ऑटोफिल का ऑप्शन भी चुन सकते हैं.