भारतीय रेलवे देश के विभिन्न इलाकों को रेल नेटवर्क से जोड़ने 183 नई लाइनों का निर्माण कर रहा है. इसके अलावा कई जगह सिंगल लाइन को डबल करना, तो कई जगह गेज कनवर्जन भी किया जा रहा है, जिससे आम आदमी की यात्रा को सुविधाजनक बनाया जा सके. इस संबंध में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में जवाब दिया है. नई रेल लाइन किस इलाके में सबसे ज्यादा और किस इलाके में कम हैं. आइए जानें.
संसद में रेल मंत्री द्वारा दिए गए जवाब के अनुसार देशभर में 49323 किमी. लंबाई के 452 परियोजना पर काम चल रहा है. इनकी अनुमानित लागत 7.33 लाख करोड़ है. इनमें से कुछ पर योजना बनाई जा रही है, कुछ स्वीकृति हो चुके हैं और कुछ पर काम चल रह है. इसके अलावा 183 नई रेल लाइन का निर्माण किया जा रहा है. 42 लाइनों पर गेज कनवर्जन और 227 लाइनों को डबल किया जा रहा है.
नई रेल लाइनों में सबसे अधिक बिहार से संपर्क वाली लाइनें होंगी. क्योंकि सबसे अधिक लाइनें पूर्व मध्य जोन में बनाई जाएंगी, जिसका मुख्यालय हाजीपुर है. वहीं सबसे कम उत्तर मध्य जोन है, जिसका मुख्यालय इलाहाबाद है.
किस जोन में कितनी नई लाइनें
मध्य रेलवे -14, पूर्व रेलवे -12, पूर्व तट रेलवे- 8, पूर्व मध्य रेलवे -25, उत्तर मध्य रेलवे- 1,पूर्वोत्तर रेलवे -10, पूर्वोत्तर सीमा रेलवे- 20, उत्तर रेलवे- 18, उत्तर पश्चिम रेलवे- 8, दक्षिण मध्य रेलवे -15, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे -9, दक्षिण पूर्व -7, दक्षिण रेलवे -11,दक्षिण पश्चिम रेलवे -18, पश्चिम मध्य रेलवे- 3, पश्चिम रेलवे- 4.
100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल 2025 तक
देश के कोने कोने माल ढुलाई आसान करने के लिए गति शक्ति मल्टी मॉडल कार्गो टर्मिनल ( GCT) का निर्माण किया जा रहा है. इनकी संख्या और निर्माण की समय सीमा भी तय कर दी गयी है. उद्योगों मांग और क्षमता के आधार के आधार पर जगह तय कर इनका निर्माण किया जा रहा है. बुधवार को संसद में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक सवाल के जवाब में बताया कि वर्ष 2025 तक देश में 100 गति शक्ति कार्गो टर्मिनल बनाने का लक्ष्य रखा गया है.