साल का आखिरी महीना यानी दिसंबर अब शुरू हो चुका है. इस महीने में पैसे से जुड़े कुछ बदलाव होंगे. इन बदलावों का आप पर असर हो सकता है. इस महीने जहां डिजिटल रुपये का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हो चुका है, वहीं कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें भी बढ़ सकती है. दरअसल, दिसंबर में ही भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक होगी. बैठक में रेपो रेट में बढ़ोतरी ऐलान हो सकता है.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 1 दिसंबर को डिजिटल रुपये (Digital Rupee) को लॉन्च किया. इसे पायलट परीक्षण के तहत खुदरा इस्तेमाल के लिए जारी किया जाएगा. सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के 8 बैकों को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है. रिटेल डिजिटल रुपया एक डिजिटल टोकन के रूप में होगा. इसे एक दिसंबर को क्लोज्ड यूजर ग्रुप (CUG) में चुनिंदा जगहों पर इसे लॉन्च किया जाएगा. रिटेल डिजिटल रुपया (Retail Digital Rupee) का उपयोग मोबाइल फोन और अन्य उपकरणों पर डिजिटल वॉलेट के माध्यम से लेनदेन के लिए किया जा सकेगा.
नहीं मिलेगा अलर्ट मैसेज
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, यस बैंक ने एक दिसंबर से बैलेंस अलर्ट मैसेज सर्विस (Yes Bank SMS Alert Service) को बंद कर दिया है. जिन ग्राहकों को किसी पैकेज के तहत मैसेज अलर्ट सर्विस मिल रही है, तो वह अब 1 दिसंबर से नहीं मिलेगी. हालांकि अगर पैकेज का सब्सक्रिप्शन टाइम बचा हुआ है, मैसेज का अलर्ट पैकेज समाप्त होने तक मिलता रहेगा. बैंक ने यह निर्णय मैसेज से क्रिमिनल द्वारा ग्राहकों के साथ की जा रही धोखाधड़ी को देखते हुए लिया है.
बढ़ सकती है ब्याज दर
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 7 दिसंबर को होने वाली है. बैठक में आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी कर सकता है. जानकारों का कहना है कि रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि हो सकती है. विश्लेषकों का अनुमान है कि लगातार तीन बार 50 बेसिस प्वाइंट्स की वृद्धि के बाद, अक्टूबर में मुद्रास्फीति कम हो गई है. इसलिए इस बार रेपो रेट में केंद्रीय बैंक कम बढ़ोतरी कर सकता है. आरबीआई ने मई से लेकर अब तक रेपो रेट में 190 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी करके इसे 5.90% कर दिया है.
न्यूनतम बकाया राशि होगी तय
बैंकों और कार्ड जारी करने वालों को न्यूनतम बकाया राशि को इतना तय करने की आवश्यकता होगी कि कुल बकाया राशि को एक उचित समय के दौरान चुकाया जा सके. बकाया राशि पर चार्ज, पेनाल्टी और टैक्सेस को आगामी स्टेटमेंट में कैपिटलाइज नहीं करने पर भी दिसंबर से रोक लग जाएगी. यानी कि एक बार बकाया राशि का भुगतान कर देनें पर बाकी के चार्ज नहीं भरने होंगे.