एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंजेज मेंबर्स ऑफ इंडिया (ANMI) चाहता है कि आगामी बजट में सरकार सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) और कमोडिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (CTT) को पूरी तरह से समाप्त कर दे. आगामी बजट के लिए केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड को दिए अपने 6 सुझावों में एसोसिएशन के ये दो प्रमुख सुझाव हैं. साथ ही एसोसिएशन ने सेबी-पंजीकृत बाजार मध्यस्थों को उद्योग का दर्जा देने की मांग की है.
एसोसिएशन का कहना है कि भारत एकमात्र देश है जो कैश मार्केट और डेरिवेटिव सेगमेंट में कमोडिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (CTT) लगाता है. वहीं भारत के बाद केवल दक्षिण कोरिया में ही कैश मार्केट इक्विटी पर एसटीटी लगाता है. डेरिवेटिव और कमोडिटी सेगमेंट में एसटीटी और सीटीटी की वसूली भी केवल भारत में ही होती है. एएनएमआई ने भुगतान किए गए एसटीटी और छूट को फिर से शुरू करने की भी मांग की है. यह छूट धारा 88ई के तहत मिलती थी. ऐसोसिएशन का कहना है कि यह छूट फिर से लागू होने से वॉल्यूम में वृद्धि होगी और इससे एसटीटी/सीटीटी का कलेक्शन बढ़ेगा.
क्या है सीटीटी?
2013 के बजट में कमोडिटी फ्यूचर ट्रेडिंग पर कमोडिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स लगाया गया था. नॉन-एग्री कमोडिटी के वायदा कारोबार यानी बुलियन, एनर्जी, मेटल पर 0.01 परसेंट कमोडिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स लगाने का एलान किया था. हर साल इंडस्ट्री इसे हटाने की मांग करती है. इंडस्ट्री की दलील है कि अगर सरकार कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट को बचाना चाहती है तो इस बजट में CTT हटाना चाहिए. ट्रांजैक्शन टैक्स लगने से न सिर्फ वॉल्यूम में भारी गिरावट आई है, बल्कि बड़े कॉरपोरेट्स ने दुनिया के बाजारों का रुख करना शुरू कर दिया है.
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (SST)
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) को 2004 में लगाया गया था. एसटीटी की वजह से अब शेयरों और प्रतिभूतियों के सभी ट्रांजेक्शन सरकार की नजर में आने लगे हैं. इससे टैक्स चोरी रोकना आसान हो गया है. यह एक तरह का अप्रत्यक्ष कर है. यह सीधे निवेशक/ट्रेडर पर लगाने के बजाय ब्रोकर पर लगाया जाता है. इसे ब्रोकर अपने क्लाइंट से कलेक्ट करते हैं और सरकार को जमा करते हैं. निवेशक या ट्रेडर को यह टैक्स देना ही पड़ता है, फिर चाहे उन्हें मुनाफा हुआ हो या नहीं हुआ हो. एसटीटी अभी इक्विटी और डेरिवेटिव ट्रांजेक्शन पर लगता है.
एएनएमआई के अध्यक्ष कमलेश शाह ने कहा कि जीडीपी में ग्रोथ के लिए सरकार को इक्विटी निवेश को प्रोत्साहित करना चाहिए. इसीलिए एसोसिएशन ने अपने सुझाव सरकार को दिए हैं. सरकार को केंद्रीय बजट में बाजार की वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सुधारों को स्थान देना चाहिए.