भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को रुपये में आयात-निर्यात व्यापार की सुविधा के लिए 12 स्पेशल “वोस्ट्रो अकाउंट्स” खोलने की अनुमति दी है, शीर्ष बैंक के कार्यकारी निदेशक दीपक कुमार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. इससे पहले आरबीआई ने दो भारतीय बैंक- यूको और इंडसइंड बैंक को रुपये में विदेशी व्यापार की सुविधा के लिए 9 विशेष वोस्ट्रो खाते खोलने की मंजूरी दी थी.
रिजर्व बैंक के शीर्ष अधिकारी ने कहा “हम यह नहीं कह रहे हैं कि डॉलर की प्रमुखता कम होनी चाहिए, लेकिन रुपये की प्रमुखता बढ़नी चाहिए. हम रुपये की स्वीकृति के लिए लक्ष्य बना रहे हैं.” वोस्ट्रो अकाउंट्स एक बैंक द्वारा दूसरे (अक्सर विदेशी) बैंक की ओर से रखे जाते हैं. इस तरह की व्यवस्था कॉरेसपन्डेंट बैंकिंग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
विदेशों से रुपये में भुगतान की सुविधा मिलेगी
अब तक रुपये में प्रत्यक्ष रूप से शामिल एक भी विदेशी व्यापार लेनदेन नहीं हुआ है. वोस्ट्रो अकाउंट के खुलने से भारत और रूस के बीच व्यापार के लिए भुगतान रूपये में करने की सुविधा मिलेगी. वहीं, भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार करना संभव हो पाएगा. क्योंकि आरबीआई डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए रुपये में विदेशी कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है.
जुलाई में आरबीआई ने भारत से निर्यात पर जोर देने के साथ वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देने और भारतीय इकाई को एक अंतरराष्ट्रीय मुद्रा के रूप में आगे बढ़ाने के लिए रुपये में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन को व्यवस्थित करने के लिए एक सिस्टम का उद्घाटन किया था. इस मैकेनिज्म में रूस जैसे प्रतिबंध- प्रभावित देशों के साथ व्यापार को सक्षम करने की भी उम्मीद है.
PHDCCI के उपाध्यक्ष हेमंत जैन ने अपने संबोधन में कहा कि रुपये के अंतर्राष्ट्रीयकरण से डॉलर के आउटफ्लो को रोकने में मदद मिलेगी और रुपये की गिरावट को धीमा करने में मदद मिलेगी, चाहे यह एक सीमित सीमा तक ही क्यों ना हो. RBI ब्रांच लेवल पर इस मैकेनिज्म को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सेवा विभाग और एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ बैठक करेगा, यह मैकेनिज्म व्यापार और निवेश में भारत की सौदेबाजी की शक्ति को भी बढ़ाएगा.
भारतीय रुपये में विदेशी व्यापार की सुविधा के लिए दो रूसी बैंकों, सर्बैंक और वीटीबी बैंक ने दिल्ली में अपनी-अपनी शाखाओं में एक विशेष वोस्ट्रो खाता खोल चुके हैं.