ऑनलाइन शॉपिंग, होटल बुकिंग, ट्रेवल बुकिंग और रेस्टोरेंट के खाने व सर्विस से जुड़े किसी प्रोडक्ट के बारे में फर्जी रिव्यू लिखना या लिखवाना अब कंपनियों को बहुत भारी पड़ेगा. सरकार ने फर्जी और पेड रिव्यू पर लगाम लगाने के लिए सोमवार को नए मानक लागू करने की घोषणा की. फर्जी रिव्यू रोकने को बनाए गए नए मानक 25 नवंबर से लागू हो जाएंगे. एक बार इन्हें स्वैच्छिक बनाया गया है. अगर कंपनियां इन मानकों का पालन नहीं करती हैं तो सरकार इन्हें बाद में अनिवार्य भी कर सकती है. कोई कंपनी मानकों का पालन नहीं करती है तो इसे अनफेयर ट्रेड प्रैक्टिस माना जाएगा.
भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) ने किसी सामान या सर्विस का रिव्यू करने के लिए ये मानक तय किए हैं. केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव रोहित कुमार ने इन मानकों को जारी करते हुए कहा कि शुरुआत में यह सभी मानक स्वैच्छिक होंगे. उन्होंने कहा भारत पहला देश है, जिसने सामान या सेवा के रिव्यू लिखने के लिए नियम बनाए हैं.
फेक रिव्यू पर लगेगी लगाम
इन मानकों के लागू होने के बाद ई कॉमर्स कंपनियां अब फेक और पेड रिव्यू नहीं करवा पाएंगी. रोहित कुमार ने कहा कि रिव्यू के लिए बनाए गए सभी मानकों का पालन करने के बाद ही बीआईएस में सत्यापन के लिए आवेदन करना होगा. इसके बाद बीआईएस एक सर्टिफिकेट जारी करेगा. इसके बाद कंपनी अपनी वेबसाइट पर इसका उल्लेख कर सकती है. जो कंपनियां इन मानकों का पालन नहीं करेंगी उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.
मानकों का पालन नहीं तो जुर्माना
रोहित कुमार ने बताया कि कंपनी को अब यह बताना होगा कि रिव्यू के आधार पर किसी प्रो़डक्ट को स्टार रेटिंग कैसे देती है. उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स कंपनियों के खिलाफ भी बड़ी तादाद में शिकायतें मिल रही हैं. इसी को देखेते हुए सरकार ने रिव्यू के लिए मानक तय किए हैं. यह नियम उन सभी वेबसाइट पर लागू होंगे जो रिव्यू पब्लिश करती हैं. सरकार पैसे देकर पॉजिटिव रिव्यू और फाइव स्टार रेटिंग पर जुर्माना लगाएगी. दूसरी कंपनियों के लिए नेगेटिव रिव्यू कराने पर भी कार्रवाई होगी.
उपभोक्ताओं को होगा फायदा
ऑनलाइन खरीदारी में रिव्यू ग्राहक को काफी प्रभावित करते हैं. ई-कॉमर्स वेबसाइट्स पर ग्राहक किसी प्रोडक्ट को छूकर नहीं देख सकता. ऐसे में बहुत से उपभोक्ता उस प्रोडक्ट के बारे में वेबसाइट पर लिखे रिव्यू या फिर रिव्यू करने वाली किसी वेबसाइट की समीक्षा को पढ़कर ही उसे खरीदने या न खरीदने का निर्णय लेते हैं. इसी वजह से बहुत सी कंपनियां अपने प्रोडक्ट के बारे में फर्जी रिव्यू कराती हैं ताकि उसकी सेल बढ़ सके.