जहां एक ओर बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर इंटरेस्ट रेट बढ़ा रहा है वहीं दूसरी ओर एमसीएलआर (MCLR) में भी बढ़ोतरी कर रहा है जिससे ग्राहकों के लिए सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. अब देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई (SBI) ने लोन (Loan) महंगा कर दिया है. भारतीय स्टेट बैंक के ग्राहकों को अब लोन पर बढ़ी हुई ईएमआई (EMI) चुकानी होगी. एसबीआई ने सभी अवधियों के लिए एमसीएलआर (MCLR) को बढ़ा दिया है. बैंक ने एमसीएलआर को 0.15 फीसदी बढ़ा दिया है.
इससे ग्राहकों के लिए सभी तरह के लोन महंगे हो जाएंगे. एमसीएलआर (MCLR) के आधार पर ही होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की ब्याज दरें तय होती हैं. बढ़ी हुई दरें 15 नवंबर यानी आज से ही प्रभावी हो गई हैं.
जानिए कितनी बढ़ी दरें
एसबीआई ने एक माह और तीन महीने की एमसीएलआर को 0.15 फीसदी बढ़ाया है. इस बढ़त से दोनों अवधि की एमसीएलआर 7.75 फीसदी हो गई है. इस पहले समान अवधि की एमसीएलआर 7.60 पर थी. वहीं छह माह की एमसीएलआर को बैंक ने 0.15 फीसदी बढ़ाकर 8.05% कर दिया है जो 7.90 फीसदी पर थी. ओवर नाइट यानी एक दिन की एमसीएलआर में बैंक ने कोई बदलाव नहीं किया है. एक साल की अवधि वाली एमसीएलआर अधिकतर कंज्यूमर लोन्स पर दरों की गणना में यूज होती है.
2 साल और 3 साल की एमसीएलआर भी बढ़ी
इसी तरह दो साल और तीन साल की एमसीएलआर, जो पहले क्रमश: 8.15 फीसदी और 8.25 फीसदी थी, अब 0.10 फीसदी बढ़ गई हैं. यह अब 8.25 फीसदी और 8.35 फीसदी हैं. एसबीआई ने एक नोटिफिकेशन में यह जानकारी दी है. एक महीने और तीन महीने की एमसीएलआर 0.15 फीसदी बढ़कर क्रमश: 7.75 फीसदी हो गई है. छह महीने की एमसीएलआर 0.15 फीसदी बढ़कर 8.05 फीसदी पर पहुंच गई है.
क्या होती है एमसीएलआर?
एमसीएलआर या मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट वह न्यूनतम दर है, जिस पर कोई बैंक अपने ग्राहकों को लोन की पेशकश करता है. लेंडिंग रेट में किसी भी बदलाव का लोन की दरों पर सीधा प्रभाव पड़ता है. जब लोन पर ब्याज दर बढ़ती है, तो ईएमआई भी स्वत: ही बढ़ जाती है. इसलिए अब एसबीआई के ग्राहकों को एमसीएलआर से लिंक्ड लोन्स पर बढ़ी हुई ईएमआई देनी होगी.