भारत जोड़ो यात्रा लेकर मध्य प्रदेश पहुंच रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी नर्मदा में स्नान करें या न करें लेकिन वो यहां के दोनों ज्योतिर्लिंगों महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर के दर्शन करेंगे. नर्मदा की पूजन का भी कार्यक्रम है. मध्य प्रदेश में यात्रा की व्यवस्था की जिम्मेदारी नेताओं को सौंप दी गयी है.
20 नवंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा मध्य प्रदेश पहुंचने की सम्भावना है. मध्यप्रदेश में राहुल गांधी की यात्रा का रूट तय हो गया है. इसमें एक बार फिर सॉफ्ट हिंदुत्व की झलक दिखाई देगी राहुल गांधी उज्जैन में महाकाल और ओंकारेश्वर दोनों जगह दर्शन करेंगे. उनके कार्यक्रम में नर्मदा नदी की पूजा भी शामिल है. वो नर्मदा का पूजन कर आशीर्वाद लेंगे.
जातीय सियासी समीकरण साधने की तैयारी
राहुल गांधी मध्यप्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ओंकारेश्वर और महाकालेश्वर यानी एमपी के दोनों ज्योतिर्लिंग का पूजन करेंगे. इसके साथ ही प्रदेश की जीवनदायिनी मां नर्मदा का पूजन भी करेंगे. राहुल गांधी बाबा महाकाल के दर्शन कर उज्जैन में विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. अब उनका महू जाना भी तय हो गया है. वो बीआर अंबेडकर की जन्मभूमि में ही रात्रि विश्राम करेंगे. यहां पर वह समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के साथ बातचीत करेंगे. राहुल गांधी इंदौर भी जाएंगे और यहां अहिल्या देवी और बड़े गणपति के दर्शन करेंगे. राहुल गांधी इस दौरान प्रदेश के अलग-अलग वर्गों के मुख्य स्थलों पर भी पहुंचेंगे. यह जानकारी न्यूज़ 18 से खास बातचीत में पूर्व मंत्री और कांग्रेस के सीनियर लीडर सज्जन सिंह वर्मा ने दी. सज्जन वर्मा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की यात्रा का मकसद देश और संस्कृति को जोड़ना है राजनीति करना नहीं.
भाजपा ने कहा तुष्टिकरण करती है कांग्रेस
राहुल गांधी के महाकाल ओंकारेश्वर और नर्मदा दर्शन के कार्यक्रम पर भाजपा ने सवाल खड़े किए हैं. पार्टी का कहना है मां नर्मदा आदिकाल से बहती आ रही है लेकिन तब कभी राहुल गांधी दर्शन करने नहीं आए. बाबा साहब अंबेडकर की जन्म भूमि महू के विकास में कांग्रेस ने एक ईंट भी नहीं लगाई, भाजपा के शासन में भव्य स्मारक तैयार हुआ है. कांग्रेस हमेशा सिर्फ तुष्टिकरण की राजनीति करती आयी है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों पूरे देश में चर्चा में है. भाजपा लगातार यात्रा पर सवाल भी खड़े कर रही है.
नेताओं को सौंपी जिम्मेदारी
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के मध्य प्रदेश में प्रवेश के दौरान व्यवस्था की जिम्मेदारी विभिन्न नेताओं और पदाधिकारियों को सौंप दी गयी है.