गुजरात के मोरबी शहर में एक सस्पेंशन ब्रिज के टूटने के बाद राहत और बचाव करने वाली टीमों से पहले मौके पर मौजूद स्थानीय लोगों ने करीब 100 लोगों की जान बचाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोरबी के अपने दौरे में घायलों से मिलने के साथ ही बचाव और राहत के दौरान मदद करने वाले 50 लोगों से भी मिलेंगे. ये सभी वो लोग हैं जो रेस्क्यू टीमों के आने के पहले ही लोगों को बचाने के काम में जुट गए थे.
लोगों को बचाने के लिए अपनी जान की परवाह किए बगैर जुटने वाले एक युवक नईम शेख ने कहा कि पुल पर हुए हादसे के वक्त हम 6 लोग थे, जिसमें एक की मौत हो गई. मुझे तैरना आता है, तो मैंने कई लोगों को बचाया. युवक ने कहा कि कई बच्चों की मौत हो गई और उनकी मां ऊपर उनका इंतजार करती रह गईं. लोगों को बचाने के समय मुझे भी चोटें आई हैं. अब पीएम नरेंद्र मोदी मिलने आ रहें हैं, तो अच्छा लगा. मोरबी के सिविल अस्पताल में भर्ती नईम शेख ने कहा कि यह दिल दहला देने वाली घटना थी. जब मैं लोगों को सुरक्षित स्थान पर ला रहा था तो मुझे भी चोट लगी
मोरबी केबल ब्रिज हादसे में घायल हुए एक शख्स ने बताया कि जब मोरबी नदी पर पुल टूटा तो उस पर 500 से 600 लोग मौजूद थे. उसने बताया कि हम लोग ब्रिज पर बीच में मौजूद थे. पुल वहीं से टूटा. एक घंटे हम पानी में रहे. फिर हमें बचाया गया. वहीं गुजरात में NDRF के कमांडेंट वी.वी.एन. प्रसन्ना कुमार ने कहा कि हमने आज फिर से खोज और बचाव अभियान शुरू किया है. कुछ शवों के नदी के तल पर दबे होने की आशंका है. हमने अपने गोताखोरों की मदद से सर्च ऑपरेशन फिर से शुरू किया है.