देश में कर चोरी करने वाले लोगों की अगर आपके पास पुख्ता जानकारी है तो आप अच्छी कमाई कर सकते हैं. वस्तु एवं सेवा कर (GST) इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) ने अब अप्रत्यक्ष करों की चोरी पकड़वाने वाले व्यक्तियों को चोरी किए गए टैक्स का 20 फीसदी हिस्सा देने का ऐलान किया है. एजेंसी का कहना है कि कर चोरी करने वाले व्यक्ति का नाम भी गुप्त रखा जाएगा.
जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय वस्तु एवं सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर के उल्लंघन से संबंधित मामलों की जांच करने शीर्ष एजेंसी है. डीजीजीआई ने अपनी वेबसाइट पर पोस्ट किए गए संदेश में कहा कि टैक्स का भुगतान करना राष्ट्र के प्रति एक सामाजिक जिम्मेदारी है. सरकार की आय का मुख्य साधन कर ही हैं. कर चोरी राष्ट्र निर्माण कार्य को बाधित करती है.
कई तरीकों से दे सकते हैं जानकारी
डीजीजीआई ने अपने संदेश में लिखा, “हम सभी नागरिकों से आग्रह करते हैं कि वे केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर और जीएसटी जैसे अप्रत्यक्ष करों की चोरी रोकने के लिए हमारे साथ हाथ मिलाएं. हमें पत्र, फोन, ई-मेल, और वेबसाइट के माध्यम से या व्यक्तिगत रूप से कर चोरी की जानकारी दे सकते हैं. हम वादा करते हैं कि हम कार्रवाई करेंगे”
जांच एजेंसी के महानिदेशक सुरजीत भुजबल के नाम से जारी संदेश में कहा गया है कि कर चोरी की जानकारी देने वाले व्यक्तियों से संबंधित जानकारियों को गोपनीय रखा जाएगा और जानकारी से हुई कर वसूली में उन्हें उचित हिस्सा दिया जाएगा. भुजबल ने इस महीने की शुरुआत में जीएसटी इंटेलिजेंस के महानिदेशक का पदभार संभाला है.
कई अधिनियमों में है इनाम का प्रावधान
केंद्रीय जीएसटी अधिनियम, सीमा शुल्क अधिनियम, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिनियम और नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम जैसे कानूनों के तहत जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, मुखबिरों और सरकारी कर्मचारियों को सूचना देने पर पुरस्कार दिए जाते हैं. अगर कोई व्यक्ति ऐसे लोगों और उनकी संपत्तियों की जानकारी देते हैं जिनसे शुल्क, कर, जुर्माना और जुर्माना की बकाया राशि वसूली जानी है और जानकारी के परिणामस्वरूप बकाया की वसूली होती है, तो सूचना देने वाले को इनाम दिया जाता है.