विमानन कंपनी एयर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) सर्दियों की अनुसूची में और उड़ानें उपलब्ध कराने के लिए विस्तार (Vistara) से दो बोइंग-737 विमान पट्टे (लीज) पर लेने की योजना बना रही है. एक सूत्र ने बुधवार को यह जानकारी दी. एयर इंडिया एक्सप्रेस और विस्तार दोनों ही टाटा समूह (Tata Group) का हिस्सा हैं. इसके अलावा टाटा समूह के अंतर्गत एयर इंडिया और एयरएशिया इंडिया भी आती हैं.
एयरलाइन के करीबी सूत्र ने कहा कि दो विमानों को क्रमशः नवंबर और दिसंबर में अल्पकालिक पट्टे पर एयर इंडिया एक्सप्रेस के बेड़े में शामिल किए जाने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि यह कदम समूह के एयरलाइन कारोबार में तालमेल को मजबूत करने में भूमिका निभाएगा.
30 अक्टूबर से शुरु होगा शीतकालीन कार्यक्रम
उन्होंने आगे कहा कि विमानों को लीज पर लेने से एयर इंडिया एक्सप्रेस को 30 अक्टूबर से शुरू हो रहे शीतकालीन कार्यक्रम के दौरान अधिक उड़ानें संचालित करने में मदद मिलेगी. इस बारे में संपर्क किए जाने पर विस्तार के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम अटकलों पर टिप्पणी नहीं कर सकते. सूत्र ने कहा कि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने लंबे समय से अपने बेड़े में कोई नया विमान शामिल नहीं किया है. हालांकि, एयरलाइन की लंबी अवधि के कारोबारी रूपरेखा के हिस्से के रूप में बेड़े में काफी वृद्धि करने की योजना थी, लेकिन विनिवेश के कारण यह बंद हो गया.
उन्होंने कहा कि निजीकरण के बाद अब परिचालन में तालमेल लाने की योजना है. इसलिए एयरलाइन ने बाहरी कंपनियों के पास जाने के बजाय समूह में ही विमानों को लीज पर लेने का फैसला किया है. मौजूदा समय में एयर इंडिया एक्सप्रेस 24 बोइंग-737 विमान का परिचालन करती है. यह देश के 21 शहरों से 14 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए उड़ान भरती है. वहीं टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के संयुक्त स्वामित्व वाली विस्तार के 53 विमानों के बेड़े में पांच बोइंग-737 विमान हैं.
अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी का लक्ष्य
पिछले हफ्ते एयर इंडिया के प्रमुख कैम्पबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने कहा कि एयरलाइन का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है. टाटा समूह ने इस साल जनवरी में घाटे में चल रही एयरलाइन का नियंत्रण हासिल किया था और उसने अब एयर इंडिया की पुनरुद्धार योजना ‘विहान डॉट एआई’ (Vihaan.AI) को लागू किया है. विल्सन ने यहां पत्रकारों से कहा कि कंपनी का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में 30 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करना है. एयरलाइन की इस समय घरेलू बाजार में 10 फीसदी और अंतरराष्ट्रीय बाजार में 12 फीसदी हिस्सेदारी है.