भारतीय रेलवे ने ट्रेन्स के लिए एक नया टाइम टेबल जारी किया है. यह टाइम टेबल एक अक्टूबर से लागू हो चुका है. इसके अनुसार, करीब 500 मेल एक्सप्रेस की स्पीड भी बढ़ गई है. इनमें से काफी संख्या में ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा दिया गया है. सुपरफास्ट का दर्जा मिलते ही इन ट्रेनों का किराया भी बढ़ गया है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह सामान्य नियम है कि जिस ट्रेन को सुपरफास्ट का दर्जा दिया जाएगा, उनका किराया भी सुपरफास्ट श्रेणी की ट्रेनों जैसा होगा.
नए टाइम टेबल के अनुसार, सभी ट्रेन्स की औसत स्पीड में करीब 5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जिससे अतिरिक्त ट्रेन के संचालन के लिए, लगभग 5 प्रतिशत अतिरिक्त ट्रैक उपलब्ध हुए हैं. भारतीय रेल ने अपनी नयी अखिल भारतीय रेलवे समय-सारिणी ‘ट्रेन एट ए ग्लांस (टीएजी)’ अपनी वेबसाइट पर जारी की है.
130 ट्रेनों को किया गया सुपरफास्ट
न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, रेलवे मंत्रालय ने 65 जोड़ी ट्रेनों यानी 130 ट्रेनों को सुपरफास्ट की श्रेणी में डाला है. इन ट्रेनों को सुपरफास्ट का दर्जा मिलने ही इनके किराए में वृद्धि हो गयी है. क्योंकि मेल एक्सप्रेस की तुलना में सुपरफास्ट का ठहराव कम स्टेशनों पर होता है, इसके साथ ही सुपरफास्ट ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ जाती है.
इन सुपरफास्ट की श्रेणी में डाली गई ट्रेनों में किराये में भी बढ़ोतरी हो गयी है. इन ट्रेनों में सफर करने वालों को पहली अक्तूबर से पूर्व की तुलना में अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है. इस संबंध में रेलवे मंत्रालय ने कहा कि मेल एक्सप्रेस की तुलना में सुपरफास्ट का किराया अधिक होता है. इसी नियम के अनुसार सुपरफास्ट की गई ट्रेनों का किराया बढ़ना भी नियमानुसार है. रेल नियम के मुताबिक, 56 किलोमीटर प्रतिघंटा की औसत रफ्तार पर चलने वाली ट्रेनों को टाइम टेबल में सुपरफास्ट का दर्जा दे दिया जाता है.