पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी ISI सर्दियों से पहले कश्मीर में अधिक से अधिक आतंकवादियों की घुसपैठ कराने की फिराक में है. ताकि वह दुनिया के सामने कश्मीर घाटी में अस्थिरता का मुद्दा उछाल सके. शीर्ष खुफिया सूत्रों ने News18 को बताया कि उधमपुर विस्फोट मामले में गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में स्पष्ट रूप से पता चला है कि पाकिस्तान कश्मीर में हिंसा फैलाने के लिए अधिक से अधिक हथियार और गोला-बारूद सीमा पार भेजने की कोशिश कर रहा है. यह हिंसा यह बताने के लिए है कि स्थानीय लोग दिल्ली के नेतृत्व को घाटी में स्वीकार नहीं कर रहे हैं.
सूत्र ने यह भी बताया कि पाकिस्तान लक्षित हत्या, विस्फोटक और हाइब्रिड हत्या सहित सभी तरह की कोशिश कर रहा है. श्रीनगर और उसके आसपास लगभग 300 छोटे हथियार पहले से ही तैयार हैं.
जम्मू-कश्मीर में पुलिस ने कहा है कि उधमपुर में हालिया दोहरे विस्फोटों के पीछे पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा आतंकी संगठन था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की हाई-प्रोफाइल यात्रा से ठीक पहले ये धमाके यह संदेश देने के लिए किए गए कि जम्मू-कश्मीर में सब कुछ ठीक नहीं है.
पुलिस महानिदेशक दिलबाग सिंह ने कहा था, ‘पाकिस्तान विकास का दुश्मन और विनाश का प्रेमी है. पिछले 30 वर्षों में उन्होंने यही किया है. वे नहीं चाहेंगे कि कोई विकास हो. निश्चित रूप से पाकिस्तान और उसकी एजेंसियां यह सुनिश्चित करती रही हैं कि घाटी में शांति नहीं बल्कि अशांति बनी रहे. अब चीजें बेहतर हो रही हैं और हर गुजरते दिन के साथ सुधार हो रहा है.’
बता दें कि 28 सितंबर की रात करीब साढ़े दस बजे डोमेल चौक पर एक पेट्रोल पंप के पास एक बस में हुए पहले विस्फोट में दो लोग घायल हो गए. दूसरे विस्फोट में कोई हताहत नहीं हुआ, जो पुरानी बस स्टैंड में खड़ी बस को चीर कर फट गया. पुलिस ने कहा कि डोडा जिले के निवासी लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी मोहम्मद अमीन भट उर्फ खुबैब ने 21 सितंबर को बसंत गढ़ के असलम शेख से संपर्क किया था और अमित शाह के दौरे से पहले उसे विस्फोट को अंजाम देने की जिम्मेदारी दी थी.