भारत में दान देने वालों में सबसे आगे मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोग आते हैं. अशोक विश्वविद्यालय (Ashoka University) के शोधकर्ताओं की ओर से एक सर्वेक्षण भी किया गया है. इसमें पाया गया है कि भारत के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इस आय वर्ग के परिवार ही सबसे ज्यादा परोपकारी दान देते हैं जोकि धार्मिक संगठनों या फिर भिखारियों को नकद में दिया जाता है.
इस संबंध में सेंटर फॉर सोशल इम्पैक्ट एंड फिलैंथ्रोपी (सीएसआईपी), अशोका यूनिवर्सिटी द्वारा सोमवार को ‘हाउ इंडिया गिव्स 2020-21’ (How India Gives 2020-2021) शीर्षक से रिपोर्ट भी जारी की गई है. इसमें 2020-2021 में करीब 23,700 करोड़ रुपये दान में दिए जाने का खुलासा किया है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक रिपोर्ट की माने तो इस स्ट्डी में बताया गया है कि भारतीयों ने घरेलू दान के रूप में अक्टूबर 2020 और सितंबर 2021 के बीच करीब 23,700 करोड़ रुपये नकद में दान किए. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा यानी करीब 64 फीसदी अकेले धार्मिक संगठनों को जा रहा है. इस रिपोर्ट के आंकड़ों के निष्कर्ष की बात की जाए तो अधिकांश भारतीय दान के लिए नकद को ज्यादा पसंद करते हैं. और शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में यह उपर्युक्त दोनों आय वर्ग परिवार ही सबसे आगे हैं.