Home राष्ट्रीय लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से भारत, चीन का पीछे हटना सीमा पर...

लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से भारत, चीन का पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है : जयशंकर

26
0

विदेश मंत्री एस. जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने बुधवार को कहा कि भारत (India) और चीन (China) की सेनाओं का पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है. फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोन्ना के साथ वार्ता के बाद जयशंकर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही. जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव एक देश द्वारा बाधित करने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चीन पर परोक्ष तंज किया.

इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, ‘ मैं नहीं समझता कि आज मैं कुछ नया कहूंगा. इसके बजाए मैं मानता हूं कि हम (दोनों देश) पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटे. पीछे हटने का काम मैं समझता हूं कि पूरा हो गया. सीमा पर एक समस्या कम हुई. ’ भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी ( पेट्रोलिंग प्वाइंट) 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त सत्यापन किया. इससे पहले सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया था. यह जानकारी इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वालों ने मंगलवार को दी थी.

दोनों पक्षों ने समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया

इस प्रकार से दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया. दोनों देशों के इन क्षेत्र से पीछे हटने का कार्य ऐसे समय में हुआ है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग उज्बेकिस्तान के शहर समदकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. इसके कारण ऐसी अटकलें लग रही है कि अगले सप्ताह होने वाले इस शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है . हालांकि, भारतीय पक्ष या चीनी सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है.

पाकिस्तान स्थित आतंकी सम्पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिये खतरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बृहस्पतिवार को समरकंद पहुंचने और शुक्रवार देर रात स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मिलेंगे. पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नामित आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव का मार्ग ‘एक देश द्वारा बाधित’ करने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि सूची इसलिये तैयार की जाती है क्योंकि ये सम्पूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिये खतरा हैं

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here