क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली EMI की सुविधा से बड़ी खरीदी करने में राहत मिलती है. क्योंकि रुपयों का भुगतान एकमुश्त ना करके आसान किस्तों में किया जा सकता है. कार्ड के जरिए खरीदी पर 3, 6, 9 और 12 महीनों की ईएमआई की सुविधा मिल जाती है. इसके अलावा कार्ड पर हुई कुल परचेसिंग के बिल का पेमेंट भी आंशिक या किस्तों में किया जा सकता है. हालांकि ईएमआई का विकल्प सभी के लिए सुविधाजनक होता है लेकिन इस ऑप्शन को चुनने से पहले आपको कुछ बातों पर जरूर ध्यान देना चाहिए. क्योंकि ईएमआई पर कुछ ऐसे चार्ज लगते हैं जिन पर अक्सर हम ध्यान नहीं देते हैं.
फीस और अन्य चार्जेस के बारे में जानें
क्रेडिट कार्ड पर मिलने वाली ईएमआई की सुविधा कुछ अतिरिक्त शुल्क जैसे- ब्याज, प्रोसेसिंग फीस, प्री-पेमेंट/फॉरक्लोजर चार्ज आदि लागू होते हैं. EMI पर प्रोसेसिंग फीस सिर्फ एक बार ली जाती है जो कि टोटल अमाउंट की 3 प्रतिशत तक होती है. फॉरक्लोजर/प्री-पेमेंट चार्ज वह शुल्क होता है, जब आप अपनी लोन की किस्तों को समय से बंद कराना चाहते हैं. वहीं ईएमआई पर कार्ड जारी करने वाली संस्था ब्याज वसूलती है. हालांकि नो-कॉस्ट ईएमआई पर ये शुल्क माफ होते हैं या अन्य डिस्काउंट से एडजस्ट किए जाते हैं.
ईएमआई की सही अवधि चुनें
आमतौर पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता लंबी अवधि पर कम ब्याज ऑफर करते हैं. लेकिन पेमेंट टर्म चुनने से पहले आपको उस पूरी अवधि में दिए जाने वाले ब्याज का कैल्कुलेशन जरूर करना चाहिए. मान लीजिये कि आप क्रेडिट कार्ड से 10,000 रुपये की ईएमआई करना चाहते हैं. इसमें 3 महीने की अवधि के लिए ब्याज की दर 20 प्रतिशत है, जबकि 12 महीने के लिए यह रेट 18 प्रतिशत है. यदि आप 12 महीने की अवधि में भुगतान की जाने वाली कम दर, यानी 18 प्रतिशत का चयन करते हैं, तो आपको अधिक भुगतान करना होगा.
जानिये कैसे….
रिवॉर्ड प्वाइंट, कैशबैक और डिस्काउंट से जुड़ा नुकसान
आम तौर पर क्रेडिट कार्ड जारीकर्ता ईएमआई में कंवर्ट लेनदेन पर कोई रिवॉर्ड पॉइंट या अतिरिक्त छूट नहीं देते हैं. ऐसे स्थिति में आपको हमेशा रिवॉर्ड पॉइंट्स/कैशबैक को लेकर होने वाले लॉस की वैल्यू पर जरूर विचार करना चाहिए या अगर आपने ईएमआई कंवर्ट का विकल्प नहीं चुना होता तो आपको इस पर मिलने वाले डिस्काउंट के बारे में देख लेना चाहिए. अगर आप नॉन-ईएमआई खरीद पर मिलने वाले ऑफर के माध्यम से बेहतर बचत कर सकते हैं, तो फिर आपको ईएमआई के विकल्प को चुनने से पहले दोबारा सोचना चाहिए.