भारतीय स्टेट बैंक (SBI) अपने चालू, बचत और सैलरी खातों को लेनदेन बैंकिंग जमा के साथ फिर से डिजाइन करने की योजना बना रहा है. एक रिपोर्ट के मुताबिक SBI अपने इस काम के लिए और इसकी रणनीति तैयार करने के लिए एक बाहरी सलाहकार को नियुक्त करना चाहता है. एसबीआई के प्रबंध निदेशक (खुदरा व्यापार और संचालन) आशीष कुमार चौधरी ने इसे ‘दोतरफा रणनीति’ बताया.
चौधरी ने एक बातचीत में कहा कि हमारा पहला लक्ष्य नए और मूल्यवान ग्राहक को और तेजी से जोड़ना है. ताकि बैंक नए खाते खोल सके और दूसरा मौजूदा ग्राहकों के साथ अपने संबंधों को बढ़ा सके. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आगामी त्यौहारी सीजन से पहले ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए हम कुछ नई योजनाएं ला सकते हैं.
चालू खाते के तहत जमा पर कोई ब्याज नहीं
बता दें कि परंपरागत रूप से बैंक कम लागत वाली कासा जमा पसंद करते हैं जबकि चालू खाते के तहत जमा पर कोई ब्याज नहीं है. बचत खाता 4% से कम ब्याज प्रदान करता है. 30 जून तक एसबीआई का कासा जमा 6.5% साल-दर-साल बढ़कर 17.7 ट्रिलियन हो गया और इसी अवधि में इसकी सावधि जमा 9.3% से बढ़कर 21.3 ट्रिलियन हो गई है.
जानिए, कैसे होगा सुधार ?
हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में, एसबीआई ने कहा कि चालू खाता, बचत खाते (CAASA), कॉर्पोरेट वेतन पैकेज (CSP) और लेनदेन बैंकिंग व्यवसाय को सुधारने के लिए बैंक बाहरी सलाहकार को नियुक्त करेगा. इसके लिए सलाहकार एसबीआई की विभिन्न आंतरिक इकाइयों और सर्कल टीमों के साथ काम करेगा. SBI, कंसल्टेंट को हायर करने के 1 साल के भीतर यह काम पूरा करना चाहता है, जिसे जरूरत पड़ने पर एक साल के लिए बढ़ाया भी जा सकता है.