गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) की रहने वाली अन्वी अपने परिवार के साथ शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) से मिलीं. 14 साल की अन्वी को बचपन से कई गंभीर बीमारियां थीं लेकिन योग अपनाने के बाद उनका जीवन पूरी तरह से बदल गया. दरअसल बचपन से ही अन्वी कई गंभीर बीमारियों से जूझ रही थी. 2008 में जब अन्वी का जन्म हुआ तो डॉक्टर ने बताया कि यह मुश्किलों के साथ पैदा हुई है तो पूरा परिवार काफी निराश हुआ था. अब अन्वी देश और दुनिया के लिए मिसाल हैं.
अन्वी के पिता विजय भाई और मां अवनि झांझरूकिया ने बताया कि हमने खुली आंखों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का जो सपना देखा था, वह आज सच हो गया. हमारे चेहरे की मुस्कान से आप पढ़ सकते हैं कि हमें कैसा लगा होगा. जब पीएम मोदी से मिलने जा रहे थे तो सोच रहे थे, पता नहीं कैसी मुलाकात रहेगी लेकिन जिस तरीके से प्रधानमंत्री मोदी जी हमसे मिले, उससे हम सब बेहद खुश हैं. अन्वी के राष्ट्रीय बाल पुरस्कार पर जब प्रधानमंत्री मोदी ने हस्ताक्षर किए तो यह हमारे लिए जीवन के सबसे अनमोल क्षण थे.
अन्वी की बड़ी आंत में थी दिक्कत, पैर सिर पर रख के सोती थी
विजय भाई ने बताया कि अन्वी की बड़ी आंत में दिक्कत थी, 75 फीसदी काम नहीं करती थी. उसको पेट में गैस रहती थी. अन्वी उल्टा सोती थी और पैर सिर पर रख के सोती थी तो अन्वी की मां को मन में यह ख्याल आया कि क्यों ना फ्लैक्सिबिलिटी यानी लचीलापन को देखते हुए उसको योग की शिक्षा दी जाए. योग को अपनाने के 3 साल के बाद ही बच्ची ने ज़िला स्तर, राष्ट्रीय स्तर पर काफी चैंपियनशिप जीतीं. राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिला, प्रधानमंत्री मोदी से अवार्ड मिला. बल शक्ति अवार्ड, गुजरात गरिमा अवार्ड विजेता जीता; तब हमें जाकर यह एहसास हुआ कि यह बच्ची योग की वजह से ही जिंदा है और योग की वजह से ही इसका पूरा जीवन बदल चुका है.
प्रधानमंत्री मोदी ने अन्वी को दिया आशीर्वाद
विजय भाई ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने अन्वी को आशीर्वाद दिया है. अभी आगे और जो दिव्यांगों से जुड़े खेलकूद हैं, हम उसे आगे लेकर जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी ने भी हमें इससे संबंधित सलाहें दीं. शुरुआत में बहुत मुश्किल है थी समझ में नहीं आता था कि आगे क्या होगा धीरे-धीरे सस्ते मदद मिली और सरकार की मदद से आज हम उस एक मुकाम पर ले कर आ चुके और वह आज एक मिसाल बन चुकी है इससे और भी बच्चे प्रोत्साहित हो रहे हैं और यह हमारे लिए बहुत बड़ी बात है. प्रधानमंत्री मोदी ने हमसे कहा है कि जैसा आपने अन्वी के लिए किया वैसा आप ऐसे और दूसरे बच्चों के लिए भी करिए. और आज यह दिव्यांग बच्ची देश के लिए मिसाल बन चुकी है कि हम चाहें तो कुछ भी कर सकते हैं.