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भारत कैसे धीरे-धीरे मिटा रहा गुलामी के निशान? जानें सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के बारे में सबकुछ

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देश के लिए आज बहुत बड़ा दिन है. 19 महीने तक लगातार चले काम के बाद इंडिया गेट (India Gate) के सामने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenue) बनकर तैयार है. इसे ‘कर्तव्य पथ’ (Kartavya Path) का नाम दिया गया है. 4087 पेड़, 114 आधुनिक संकेतों और सीढ़ीदार बगीचों के साथ पहले ये राजपथ के नाम से जाना जाता था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शाम को इसका उद्घाटन करेंगे. पूरा सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट करीब 20 हजार करोड़ की लागत से बन रहा है. सेंट्रल विस्टा में करीब 3.90 लाख वर्ग मीटर का ग्रीन एरिया है. पीएम मोदी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति का अनावरण भी करेंगे. 9 सितंबर से लोग यहां घूम सकेंगे.

दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर जो रास्ता राष्ट्रपति भवन तक जाता है उस पूरे इलाके को सेंट्रल विस्टा के नाम से जाना जाता है. इस इलाके राष्ट्रपति भवन, संसद भवन, नार्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक (इन दोनों ब्लॉक्स में विदेश मंत्रालय और वित्त मंत्रालय है), इंडिया गेट, नेशनल आर्काइव ऑफ इंडिया समेत कई ऑफिस हैं. इन्हें सामूहिक रूप से सेंट्रल विस्टा कहते हैं. इसकी लंबाई लगभग 3.2 किलो मीटर है.

इस इलाके में बने भवनों को 100 साल से अधिक हो चुका है जिसके बाद सरकार ने इन्हें रिडेवलप करने का प्लान 2019 में तैयार किया था. सालों पुराने बने इन भवनों के निर्माण का जिम्मा एडविन लुटियंस और हर्बर्ट बेकर को दिया गया था.

एक आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, राष्ट्रपति भवन और इंडिया गेट के बीच कार्तव्य पथ में 900 से अधिक स्ट्रीट लाइट के पिलर हैं. इसका उद्देश्य सेंट्रल विस्टा को 24 घंटे पैदल चलने वालों के अनुकूल बनाना है. इसमें 8 सुविधा ब्लॉक बनाए गए हैं. सेंट्रल विस्टा में चार पैदल यात्री अंडरपास बनाए गए हैं, जिनमें 422 लाल ग्रेनाइट बेंच हैं.

कार्तव्य पथ के साथ 110457 वर्ग मीटर में फैले नए लाल ग्रेनाइट पैदल मार्ग भी बनाए गए हैं. वॉकवे पर 987 कंक्रीट के बोल्डर लगाए गए हैं. वहीं, पुराने मैनहोल को बदलकर 1,490 नए मैनहोल लगाए गए हैं

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