सरकारी नौकरी की तैयारी में लगे युवा स्टूडेंट जो प्रोफेसर बनना चाहते हैं उनके लिए अच्छी खबर है. दरअसल, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद अब बिना अकादमिक डिग्री के भी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में प्रोफेसर बन सकेंगे. प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत चुने जाने वाले विभिन्न क्षेत्रों के महारथी शैक्षिक योग्यता के बिना भी प्रोफेसर बनकर दो साल तक सेवाएं दे सकेंगे.
बता दें कि आईआईटी और आईआईएम में पहले से प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस योजना लागू है. वहीं अब सामान्य कॉलेजों और विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस के तहत गायक, नृतक, उद्योग, समाजसेवी से लेकर अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल होंगे. इसके तहत इंडस्ट्री से जुड़े विशेषज्ञ देश के इन सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में सेवाएं देगें.