Home राष्ट्रीय रूस-भारत के संबंध पर अमेरिका के बदले सुर, कहा- विदेश नीति बदलने...

रूस-भारत के संबंध पर अमेरिका के बदले सुर, कहा- विदेश नीति बदलने में लगेगा वक्त

41
0

यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के दौरान भारत के रूख को लेकर अब अमेरिका के विचार बदलने लगे हैं. एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अमेरिका ने कहा कि भारत के रूस के साथ दशकों पुराने संबंध हैं, इसलिए भारत को अपनी विदेश नीति में रूस की तरफ झुकाव हटाने में लंबा समय लगेगा. अमेरिका ने कहा कि वह क्वाड एवं अन्य मंचों के जरिए भारत के साथ ‘‘बहुत निकटता’’ से काम कर रहा है. अमेरिका ने समय के साथ रूस-भारत के संबंधों को लेकर अपने रूख में बड़ा बदलाव किया है. अमेरिका ने कहा कि रूस के साथ पुराने संबंध रखने वाले देशों को अपनी विदेश नीति को फिर से बदलने में लंबा वक्त लगेगा. बता दें कि अन्य देशों की तरह अमेरिका ने भी रूस-यूक्रेन की जंग के बीच भारत का रूस से संबंधों को लेकर भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की थी. लेकिन भारत कहीं भी झुकने को तैयार नहीं हुआ और देश हित को ध्यान में रखते हुए रूस से सस्ता तेल खरीद रहा है.

अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस से भारत द्वारा रूसी तेल, उर्वरक और संभवत: रूसी रक्षा प्रणाली खरीदे जाने के बारे में सवाल पूछे जाने पर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसी अन्य देश की विदेश नीति के बारे में बात करना मेरा काम नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन भारत से हमने जो सुना है, मैं उस बारे में बात कर सकता हूं. हमने दुनियाभर में देशों को यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने वोट समेत कई बातों पर स्पष्ट रूप से बात करते देखा है. हम यह बात भी समझते हैं और जैसा कि मैंने कुछ ही देर पहले कहा था कि यह बिजली का बटन दबाने की तरह नहीं है.’’

रूस से भारत का रूख बदलने में लगेगा वक्तः अमेरिका
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘यह समस्या विशेष रूप से उन देशों के साथ है, जिनके रूस के साथ ऐतिहासिक संबंध हैं. जैसा कि भारत के मामले में है, उसके संबंध दशकों पुराने हैं. भारत को अपनी विदेश नीति में रूस की तरफ झुकाव हटाने में लंबा समय लगेगा.’’ यूक्रेन पर रूस ने 24 फरवरी को हमला कर दिया था, जिसके बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने उस पर कड़े प्रतिबंध लगाए. भारत ने पश्चिमी देशों की आलोचना के बावजूद रूस से यूक्रेन युद्ध के बाद तेल आयात बढ़ाया है और उसके साथ व्यापार जारी रखा है.

सऊदी अरब को पीछे छोड़ तेल आपूर्ति में आगे निकला रूस
रूस मई में सऊदी अरब को पीछे छोड़कर भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल आपूर्तिकर्ता बन गया था. इराक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है. भारतीय तेल कंपनियों ने मई में रूस से 2.5 करोड़ बैरल तेल का आयात किया. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि रूस से तेल खरीदने के भारत के फैसले की अमेरिका और दुनिया के अन्य देश भले ही सराहना न करें, लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया है, क्योंकि नयी दिल्ली ने अपने रुख का कभी बचाव नहीं किया, बल्कि उन्हें यह एहसास कराया कि तेल एवं गैस की ‘‘अनुचित रूप से अधिक’’ कीमतों के बीच सरकार का अपने लोगों के प्रति क्या दायित्व है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here