भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआईए) ने इस साल अप्रैल से जुलाई महीने के बीच पांच साल से कम उम्र के 79 लाख से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया है. एक आधिकारिक बयान के मुताबिक यह पंजीकरण पांच साल तक के बच्चों का बाल आधार बनवाने और अभिभावकों व बच्चों को कई लाभ प्राप्त करने में मदद की नयी पहल के तहत हुआ है.
बयान के अनसार, ‘‘भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने इस वित्तवर्ष के शुरुआती चार महीनों (अप्रैल से जुलाई के बीच) में पांच साल तक के 79 लाख से अधिक बच्चों का पंजीकरण किया है.’’ 31 मार्च 2022 तक पांच साल तक की उम्र के 2.64 करोड़ बच्चों के पास बाल आधार था, जो बढ़कर जुलाई के अंत में 3.43 करोड़ हो गया. यूआईडीएआई ने बताया, ‘‘हिमाचल प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्यों में पहले ही पांच साल तक की उम्र के 70 प्रतिशत से अधिक बच्चों का पंजीकरण हो चुका है. वहीं जम्मू-कश्मीर, मिजोरम, दिल्ली, आंध्र प्रदेश और लक्षद्वीप जैसे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में इस दिशा में बहुत बेहतर काम हुआ है.’’ बयान के मुताबिक देश में करीब 94 प्रतिशत लोगों का आधार बन चुका है जबकि वयस्को में यह दर 100 प्रतिशत है.
बगैर बायोमीट्रिक के बना आधार
बता दें कि 5 साल तक के आयु समूह वाले बच्चों को बाल आधार जारी किया जाता है. आधार जारी करने में बायोमेट्रिक (उंगली का निशान और आंख की पुतली) का कलेक्शन एक प्रमुख विशेषता है. हालांकि, बाल आधार के लिए बायोमीट्रिक्स की आवश्यकता नहीं होती है. बाल आधार बच्चे की तस्वीर और माता पिता/अभिभावक के बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन के आधार पर दिया जाता है. यह कार्ड नीले रंग में जारी होता है और 5 वर्ष तक मान्य रहता है.
5 वर्ष के बाद क्या करना होगा?
एक बार बच्चा 5 वर्ष का हो जाए तो उसका परमानेंट आधार पर बनवाना होता है. इसके लिए बच्चे को आधार सेवा केंद्र पर ले जाकर बायोमेट्रिक अपडेट की प्रक्रिया पूरी करनी होती है. इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद, बच्चे को आधार संख्या (Aadhaar number) में बिना किसी बदलाव के परमानेंट आधार जारी किया जाता है. हालांकि, इसके बाद 15 वर्ष की आयु में भी एक फिर यह प्रक्रिया दोहरानी होती है