पाकिस्तान द्विपक्षीय संबंधों में खटास के बावजूद अक्टूबर में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के तहत भारत की मेजबानी में होने वाले आतंकवाद-रोधी अभ्यास में हिस्सा लेगा. मीडिया की एक रिपोर्ट में शनिवार को यह जानकारी दी गई. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी और भारतीय सैन्य टुकड़ियों ने एक साथ आतंकवाद-रोधी अभ्यासों में हिस्सा लिया है, लेकिन यह पहली बार होगा, जब पाकिस्तान भारत में इस तरह के अभ्यास में हिस्सा लेगा.
अखबार ने शुक्रवार को पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता असीम इफ्तिखार के हवाले से कहा कि पाकिस्तान एससीओ के क्षेत्रीय आतंकवाद-रोधी ढांचे (आरएटीएस) के तहत इस साल अक्टूबर में होने वाले अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद-रोधी अभ्यास में हिस्सा लेगा. प्रवक्ता ने कहा, ‘यह अभ्यास अक्टूबर में भारत के मानेसर में होगा, और चूंकि पाकिस्तान एक सदस्य है, हम इसमें हिस्सा लेंगे.’ गौरतलब है कि हरियाणा के मानेसर में होने वाले इस अभ्यास में भारत के अलावा रूस, चीन, पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान और उज्बेकिस्तान भी भाग लेंगे.
यह अभ्यास ऐसे समय में हो रहा है, जबकि बीते 29 जुलाई को चीनी विदेश मंत्री वांग यी, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, पाकिस्तान के उनके समकक्ष बिलावल भुट्टो की मौजूदगी में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने परोक्ष रूप से पाकिस्तान के संदर्भ में टिप्पणी करते हुए कहा था कि सभी तरह के आतंकवाद के प्रति कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति होनी चाहिए.
एससीओ आठ सदस्यीय आर्थिक एवं सुरक्षा संगठन है, जिसे उत्तर एटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का जवाब माना जाता है. हाल के वर्षों में यह एक प्रमुख अंतरक्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन बनकर उभरा है. भारत और पाकिस्तान साल 2017 में इसके स्थाई सदस्य बने थे. रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों ने 2001 में शंघाई में एक सम्मेलन के दौरान एससीओ की स्थापना की थी.
गौरतलब है कि 15-16 सितंबर को समरकंद में आगामी एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन होना है. शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और समूह के अन्य नेताओं के भाग लेने की उम्मीद है.