अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पहली बार वैश्विक मंदी को लेकर स्पष्ट रूप से कुछ बोला है. आईएमएफ के मुख्य इकनॉमिस्ट पियरे ऑलिवर गोरिंकस ने कहा कि दुनिया एक बार फिर मंदी के मुहाने पर खड़ी है. इस बार तो सिर्फ दो साल के अंतराल पर ही मंदी आती दिख रही है.
उन्होंने 26 जुलाई को एक लेख में बताया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था एक और मंदी के करीब पहुंच गई है. अप्रैल के बाद से हालात बेहद खराब हो गए हैं और हम जल्द वैश्विक मंदी का सामना कर सकते हैं. इस बार तो सिर्फ दो साल के अंतराल पर ही मंदी आ रही है. आईएमएफ ने अपनी हालिया रिपोर्ट में 2022 के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का विकास दर अनुमान 0.40 फीसदी घटाकर 3.2 फीसदी, जबकि 2023 के लिए 0.7 फीसदी घटाकर 2.9 फीसदी कर दिया है.
और खराब हो सकते हैं हालात
आईएमएफ ने कहा है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की विकास दर में यह कटौती मौजूदा हालात के अनुसार सामान्य परिस्थितियों पर आधारित है. अगर रूस ने यूरोपीय देशों को अपनी गैस सप्लाई बंद कर दी तो हालात बद से बदतर हो जाएंगे. ऐसे में साल 2022 में ग्लोबल जीडीपी की विकास दर 2.6 फीसदी और 2023 में 2 फीसदी रहने का अनुमान है.
रूस इस कदम से जीरो हो जाएगी अमेरिका-यूरोप की विकास दर
आईएमएफ ने कहा है कि अगर रूस ने यूरोप को गैस सप्लाई बंद कर दी तो अगले साल अमेरिका और यूरोप दोनों की विकास दर शून्य हो जाएगी. इसका असर अन्य देशों पर भी बखूबी पड़ेगा, क्योंकि अमेरिका सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और वहां मंदी आने पर वैश्विक अर्थव्यवस्था बुरी तरह लड़खड़ा जाएगी.
अमेरिका में तकनीकी मंदी तय
अमेरिका के तकनीकी मंदी में जाने की सबसे अधिक आशंका है. दरअसल, लगातार दो तिमाही में विकास दर शून्य से नीचे रहने पर तकनीकी मंदी घोषित की जाती है. अमेरिका में जारी हालिया आंकड़ों में बताया गया है कि वहां जनवरी-मार्च में विकास दर शून्य से 1.6 फीसदी नीचे रही, जबकि फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ अटलांटा ने अप्रैल-जून तिमाही में भी शून्य से 1.6 फीसदी कम विकास दर रहने का अनुमान लगाया है. ऐसे में नए आंकड़े आते ही अमेरिका तकनीकी रूप से मंदी में प्रवेश कर सकता है.