Home खबरें जरा हटके वास्तु के अनुसार सीढ़ियां बने तो घर में सफलता और कामयाबी आती...

वास्तु के अनुसार सीढ़ियां बने तो घर में सफलता और कामयाबी आती है।

582
0

घर की सीढ़ियां यदि वास्तु नियमों के अनुरूप बनाई जायें तो हमारे घर की सीढ़ियां हमारे लिए सदैव ही कामयाबी एवं सफलता की सीढ़ियां बन सकती हैं, बस आवश्यकता है सीढ़ियां बनवाते समय वास्तु के कुछ नियमों का पालन करने की। फिर हम भी जीवन में सुख समृद्धि, खुशहाली सभी कुछ एक साथ पा सकते हैं। सीढ़ियों संबंधी वास्तु नियम क्या हैं? आइये जानें इस लेख से – मकान की सीढ़ियां पूर्व से पश्चिम या उतर से दक्षिण की ओर जाने वाली होनी चाहिए। इस बात का ध्यान रखें सीढ़ियां जब पहली मंजिल की ओर निकलती हों तो हमारा मुख उतर-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व में होना चाहिए।

सीढ़ियों के लिए भवन के पश्चिम, दक्षिण या र्नैत्य का क्षेत्र सर्वाधिक उपयुक्त होता है। नैत्य कोण या दक्षिण-पश्चिम का हिस्सा सीढ़ियां बनाने के लिए अत्यंत शुभ एवं कल्याणकारी होता है। सीढ़ियां कभी भी उतरी या पूर्वी दीवार से जुड़ी हुई नहीं होनी चाहिए। उतरी या पूर्वी दीवार एवं सीढ़ियों के बीच कम से कम 3’’ (तीन इंच) की दूरी अवश्य होनी चाहिए। घर के उतर-पूर्व या ईशान कोण में सीढ़ियों का निर्माण कभी नहीं करवाना चाहिए। इस क्षेत्र में सीढ़ियां बनवाने से आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। व्यवसाय में नुकसान एवं स्वास्थ्य की हानि भी होती है तथा गृह स्वामी के दिवालिया होने की संभावना भी निरंतर बनी रहती है। घर के आग्नेय कोण अर्थात् दक्षिण-पूर्व में सीढ़ियां बनवाने से संतान के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

सीढ़ियां यदि गोलाई में या घुमावदार बनवानी हों तो घुमाव सदैव पूर्व से दक्षिण, दक्षिण से पश्चिम, पश्चिम से उतर तथा उतर से पूर्व दिशा में होना चाहिए। यदि घर के ऊपर का हिस्सा किराये पर देना हो और स्वयं मकान मालिक को नीचे रहना हो तो ऐसी स्थिति में ऊपर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां कभी भी घर के सामने नहीं बनवानी चाहिए। ऐसी स्थिति में किरायेदार को आर्थिक लाभ होता है तथा मकान मालिक को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। सीढ़ियों के आरंभ एवं अंत द्वार अवश्य बनवाना चाहिए।

सीढ़ियों का द्वारा पूर्ण अथवा दक्षिण दिशा में ही होना चाहिए। एक सीढ़ी दूसरी सीढ़ी के मध्य लगभग 9’’ का अंतर होना चाहिए। सीढ़ियों के दोनों ओर रेलिंग लगी होनी चाहिए। सीढ़ियों का प्रारंभ त्रिकोणात्मक रूप में नहीं करना चाहिए। अक्सर लोग सीढ़ियों के नीचे जूते, चप्पल रखने की रैक या अलमारी बनवा देते हैं। यह सर्वथा अनुचित है। सीढ़ियों के नीचे का स्थान हमेशा खुला रहना चाहिए। इससे घर के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने में सहायता मिलती है।

सीढ़ियां संबंधी वास्तु दोषों को दूर करने के उपाय: यदि घर बनवाते समय सीढ़ियों से संबंधित कोई वास्तु दोष रह गया हो तो उस स्थान पर बारिश का पानी मिट्टी के कलश में भरकर तथा मिट्टी के ढक्कन से ढककर जमीन के नीचे दबा दें, ऐसा करने से सीढ़ियों संबंधी वास्तु दोषों का नाश होता है, यदि यह उपाय करना भी संभव न हो तो घर में प्रत्येक प्रकार के वास्तु दोषों को दूर करने के लिए घर की छत पर एक मिट्टी के बर्तन में अनाज तथा दूसरे बर्तन में जल भरकर पक्षियों के लिए रखें।

(साभार संकलन: ए. के. श्रीनिवास. मूर्ती: वेबसाइट का संकलन से सहमत होना अनिवार्य नहीं है।)
ए के श्रीनिवास मूर्ती,
म. न. 01, लोहिया नगर,
मोवा स्कूल के पीछे, मोवा, रायपुर (छ. ग. )
नि:शुल्क परामर्श हेतु, संपर्क करें।
मोबाइल नं. 7999396370,
whatsapp no. 9303851600

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here