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सरकार के हस्तक्षेप का असर, 15 से 25 रुपये तक सस्ता हुआ खाने का तेल

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बढ़ती महंगाई के बीच आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है. खाने के तेल की कीमतों (Edible Oil Price) को नियंत्रित करने के लिए सरकार की तरफ से ढेर सारे प्रयास किए जा रहे हैं और इस वजह से खाने के तेल की कीमतों में 15-25 रुपये प्रति लीटर की कमी दर्ज की गई है.

खाद्य तेलों की औसत मासिक खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय कमी
पीआईबी के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में प्रमुख पैक्ड खाद्य तेलों की औसत मासिक खुदरा कीमतों में उल्लेखनीय कमी देखी गई है. मार्च 2022 में पैक्ड सरसों के तेल की खुदरा कीमतें 200 रुपये प्रति लीटर से ऊपर थीं और अब 17 जुलाई, 2022 को इसकी कीमतें लगभग 184 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई.

पैक्ड सोया ओर पाम तेल की कीमतों में भी गिरावट
इसी तरह पैक्ड सोया तेल की कीमतें जो मार्च में लगभग 180 रुपये प्रति लीटर और मई 2022 में लगभग 200 रुपये प्रति लीटर थी जो 17 जुलाई, 2022 को घटकर 166 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई. वहीं, पैक्ड पाम तेल की खुदरा कीमतें जो मार्च में लगभग 165 रुपये प्रति लीटर और मई 2022 में 175 रुपये प्रति लीटर थी जो 17 जुलाई, 2022 को घटकर 150 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गई.

6 जुलाई की बैठक में भी मंत्रालय ने दाम कम करने के दिए थे निर्देश
इससे पहले 06 जुलाई, 2022 को, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत आने वाले खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग ने एक बैठक में प्रमुख खाद्य तेल एसोसिएशन को खाद्य तेलों के एमआरपी में 15 रुपये की कमी तत्काल प्रभाव से सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. केंद्र ने यह भी सलाह दी कि निर्माताओं और रिफाइनर द्वारा वितरकों को कीमत भी तुरंत कम करने की जरूरत है ताकि कीमतों में गिरावट किसी भी तरह से कम न हो. इस बात पर भी जोर दिया गया था कि जब भी निर्माताओं/रिफाइनरों द्वारा वितरकों को कीमत में कमी की जाती है, तो इंडस्ट्री द्वारा उपभोक्ताओं को लाभ दिया जाना चाहिए.

आयात शुल्क को कम करने का असर
सरकार के प्रयासों खाद्य तेल की कीमतों में गिरावट का रुझान दिखने लगा है और इसमें और गिरावट आने की संभावना है. खाद्य तेल की गिरती कीमतों से मुद्रास्फीति को भी ठंडा करने में मदद मिलेगी. यह सभी हितधारकों के साथ निरंतर निगरानी और जुड़ाव और सरकार द्वारा कई हस्तक्षेपों के कारण संभव हुआ है. तेल की कीमतों में कमी केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों पर आयात शुल्क को कम करने के मद्देनजर हुई है. खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग द्वारा खाद्य तेल के अवैध भंडारण की जांच के लिए किए गए औचक निरीक्षण से भी खाद्य तेल की कीमतें कम हुई है.

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