आने वाले कुछ दिनों में आपके घर का खर्च बढ़ने वाला है. ऐसा होगा कुछ घरेलू चीजों के दाम बढ़ने के कारण. जीएसटी काउंसिल (GST Council) की पिछले दिनों हुई 47वीं बैठक में रोजमर्रा के उपयोग की कुछ ऐसी चीजों जीएसटी (GST) लगा दिया गया था, जो पहले इसके दायरे से बाहर थी. वहीं कुछ वस्तुओं पर जीएसटी की दर में बढ़ोतरी भी की गई थी.
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद 29 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेवेन्यू सेक्रेटरी तरुण बजाज ने बताया था कि जीएसटी की नई दरें 18 जुलाई से लागू होंगी. इसलिए 18 जुलाई से ट्रेट्रा पैक वाले दही, लस्सी जैसी खाने-पीने की चीजें महंगी हो जाएगी. इसके साथ ही अस्पताल में इलाज कराना भी महंगा हो जाएगा.
टेट्रा पैक वाले दही, लस्सी और बटर मिल्क पर पहले जीएसटी नहीं लगता था. 18 जुलाई से इन पर 5% की दर से जीएसटी लगेगा.
चेक बुक जारी किए जाने पर बैंकों की तरफ से लिए जाने वाले फीस पर 18% जीएसटी लगेगा.
अस्पताल में 5,000 रुपये (गैर-आईसीयू) से अधिक किराए वाले कमरे पर अब 5 फीसदी जीएसटी लगेगा.
एटलस सहित मैप और चार्ज पर भी 12 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा.
होटलों के 1,000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर 12 फीसदी जीएसटी लगेगा. पहले इन पर जीएसटी नहीं लगता था.
एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर लगने वाला जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी हो जाएगा.
ब्लेड, पेपर कैंची, पेंसिल शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स और केक-सर्वर्स आदि पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. फिलहाल इन पर 12 फीसदी जीएसटी लग रहा है
जीएसटी काउंसिल ने रोपवे के जरिए यात्रियों और सामानों को लेकर आने-जाने पर जीएसटी दर 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया है.
स्प्लिंट्स और अन्य फ्रैक्चर उपकरण, शरीर के कृत्रिम अंग, बॉडी इंप्लाट्स, इंट्रा ओक्यूलर लेंस आदि पर जीएसटी 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी 18 जुलाई से हो जाएगा.
उन ऑपरेटरों के लिए माल ढुलाई के किराए पर जीएसटी को 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत हो जाएगा, जहां ईंधन की लागत को शामिल किया जाता है.
डिफेंस फोर्सेज के लिए इंपोर्ट की जाने वाली कुछ खास वस्तुओं पर IGST 18 जुलाई से नहीं लगेगी.