भारतीय सेना ने भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ (Amarnath yatra Flood) में फंसे अमरनाथ यात्रा (Amarnath yatra cloudburst) के श्रद्धालुओं को बचाने के लिए आधुनिक उपकरणों और जवानों को तैनात किया है. सेना के एक अधिकारी ने शनिवार को यहां बताया कि बचाव दल को शुक्रवार शाम को बादल फटने से लोगों के हताहत होने की खबर मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर भेजा गया.
उन्होंने बताया कि एक कर्नल की अगुवाई में इंफेंटरी बटालियन के साथ ही त्वरित प्रतिक्रिया दल, राष्ट्रीय राइफल्स सेक्टर के कर्मियों की एक अतिरिक्त कंपनी और विशेष बलों का एक दल विशेष बचाव उपकरणों के साथ पवित्र गुफा पहुंचा.
सैन्य अधिकारियों ने रातभर गुफा की निगरानी की
अधिकारी ने कहा, ‘‘इंफेंटरी बटालियन और राष्ट्रीय राइफल्स के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने रातभर गुफा और नीलगरड़ बचाव अभियान की निगरानी की. गुफा और नीलगरड़ में चिकित्सीय संसाधनों को सक्रिय कर दिया गया है और अतिरिक्त संसाधनों को तैनात किया गया है.’’
उन्होंने बताया कि हाथ से पकड़े जाने वाले थर्मल इमेजर्स, अंधेरे में भी देखने में सक्षम बनाने वाले उपकरणों के साथ नौ निगरानी टुकड़ियों और अन्य उपकरणों को तलाश अभियान के लिए तैनात किया गया है.
हताहतों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर का प्रयोग
अधिकारी के मुताबिक, ‘‘पवित्र गुफा में हताहतों को निकालने के लिए दो आधुनिक हल्के हेलीकॉप्टरों को ले जाया गया है. हालांकि, खराब मौसम के कारण गुफा में रात को हेलीकॉप्टर नहीं उतर सके. दो वॉल रडार और दो खोज एवं बचाव श्वान दस्तों को भी गुफा में बचाव अभियान के लिए भेजा गया है.’’
लोगों को निकालने से जुड़े अभियान की जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि खोज, बचाव और चिकित्सीय प्रयास दिन में भी जारी रहे.
उन्होंने कहा, ‘‘पहला हेलीकॉप्टर घायलों को निकालने के लिए सुबह छह बजकर 45 मिनट पर घटनास्थल पर पहुंचा. कुल 15 शव और 63 यात्रियों को बाहर निकाला गया है. सैन्य और असैन्य, दोनों हेलीकॉप्टर घायलों एवं मृतकों को निकालने के लिए बार-बार फेरे लगा रहे हैं.’’
गुफा से कुल 28 मरीजों को निकाला गया
अधिकारी के अनुसार, ‘‘गुफा से कुल 28 मरीजों को निकाला गया है और उन्हें नीलगरड़ में प्राथमिक उपचार केंद्र ले जाया गया है. इनमें से 11 को इलाज के लिए असैन्य हेलीकॉप्टरों से एसकेआईएमएस श्रीनगर पहुंचा गया है.’’
शवों को गुफा से नीलगरड़ तक लाया गया है, जबकि भारतीय सेना फंसे हुए यात्रियों को बालटाल ले जा रही है. अधिकारी ने कहा, ‘‘इसके साथ ही किसी भी संभावित हताहत के लिए संगम में अमरनाथ नर में दिन में तलाश शुरू की गई.’’
चिनार कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला और किलो फोर्स की जीओसी के मेजर जनरल संजीव सिंह सलारिया ने भारतीय सेना द्वारा चलाए जा रहे बचाव और चिकित्सीय प्रयासों की समीक्षा करने के लिए शनिवार तड़के पवित्र गुफा का दौरा किया. उन्होंने यात्रियों और स्थानीय लोगों से बात की तथा सेना द्वारा हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया.