देश में पेट्रोल के बैन (Petrol Ban) होने की कल्पना भी शायद आम आदमी नहीं कर सकता लेकिन, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) का दावा है कि आने वाले 5 साल में देश में पेट्रोल पर प्रतिबंध लग जाएगा और देश में इसकी जरूरत ही नहीं रहेगी. केंद्रीय मंत्री के इस दावे की हकीकत तो भविष्य में ही पता लगेगी, लेकिन अगर पेट्रोल का कोई सस्ता विकल्प देश में लागू होता है तो यह आम आदमी के लिए बहुत बड़ी राहत की बात होगी.
गडकरी गुरुवार को अकोला में डॉ. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के 36वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए देश में आने वाले समय में पेट्रोल पर बैन लगने का दावा किया. इस मौके पर गडकरी को कृषि विश्वविद्यालय ने ‘डॉक्टर ऑफ साइंस’ की उपाधि भी प्रदान की. कार्यक्रम की अध्यक्षता महाराष्ट्र के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भगत सिंह कोश्यारी ने की.
किसान बने ऊर्जादाता
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि अब विदर्भ में बने बायो-एथेनॉल (bio-ethanol) का इस्तेमाल वाहनों में किया जा रहा है. ग्रीन हाइड्रोजन (Green hydrogen) का निर्माण कुएं के पानी से किया जा सकता है और इसे 70 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है. उन्होंने कहा कि अगले पांच वर्ष में देश से पेट्रोल खत्म हो जाएगा. उन्होंने कहा कि सिर्फ गेहूं, चावल, मक्का आदि परंपरागत फसलें उगाने से किसान का भविष्य उज्ज्वल नहीं हो सकता. किसान को अब लीक से हटकर कुछ करना होगा. गडकरी ने कहा कि किसानों को अब अन्नदाता के साथ ही ऊर्जा दाता बनने की भी जरूरत है.
इथेनॉल है बचत का भंडार
गडकरी ने कहा कि इथेनॉल पर एक फैसले से देश को 20,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है. निकट भविष्य में दोपहिया और चार पहिया वाहन ग्रीन हाइड्रोजन, एथेनॉल और सीएनजी पर आधारित होंगे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कि विदर्भ से कपास बांग्लादेश को निर्यात करने की योजना है, जिसके लिए विश्वविद्यालयों के सहयोग की आवश्यकता है. विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को रोकने में विश्वविद्यालय अहम योगदान दे सकते हैं.