रेगुलर और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. उन्हें नियोक्ता की ओर से मिलने वाले भत्तों और सुविधाओं पर कोई जीएसटी नहीं चुकाना होगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस बारे में सर्कुलर जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.
CBIC के अनुसार, नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में मामलों में जुर्माना तभी लगाया जाएगा जब फर्जी इनवॉइस के जरिये बिना उत्पाद सप्लाई किए टैक्स चोरी की जाएगी. सीबीआईसी ने यह सर्कुलर पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक में हुए फैसलों के बाद जारी किया है.
जीएसटी मामलों के जानकार बलवंत जैन बताते हैं कि इन सुविधाओं में कर्मचारियों को मिलने वाला एलटीए, एचआरए, टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम, हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम, नियोक्ता के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फीस, इलाज पर कंपनी की ओर से किया गया भुगतान और फूड कूपन जैसी चीजें शामिल हैं. वैसे तो इस पर पहले भी जीएसटी नहीं वसूला जाता था, लेकिन कर अधिकारियों और उद्योग जगत की मांग के बाद सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर और स्पष्ट कर दिया है.
रेगुलर और कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर है. उन्हें नियोक्ता की ओर से मिलने वाले भत्तों और सुविधाओं पर कोई जीएसटी नहीं चुकाना होगा. केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने इस बारे में सर्कुलर जारी कर स्पष्टीकरण दिया है.
CBIC के अनुसार, नियोक्ता की ओर से कर्मचारी को मिलने वाली सुविधाओं और भत्तों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. ऐसे में मामलों में जुर्माना तभी लगाया जाएगा जब फर्जी इनवॉइस के जरिये बिना उत्पाद सप्लाई किए टैक्स चोरी की जाएगी. सीबीआईसी ने यह सर्कुलर पिछले दिनों जीएसटी परिषद की बैठक में हुए फैसलों के बाद जारी किया है.
जीएसटी मामलों के जानकार बलवंत जैन बताते हैं कि इन सुविधाओं में कर्मचारियों को मिलने वाला एलटीए, एचआरए, टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम, हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम, नियोक्ता के स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की फीस, इलाज पर कंपनी की ओर से किया गया भुगतान और फूड कूपन जैसी चीजें शामिल हैं. वैसे तो इस पर पहले भी जीएसटी नहीं वसूला जाता था, लेकिन कर अधिकारियों और उद्योग जगत की मांग के बाद सीबीआईसी ने सर्कुलर जारी कर और स्पष्ट कर दिया है.