मोदी सरकार ने सहकारिता (Cooperatives) के माध्यम से विकास का ब्लूप्रिंट (Development Blueprint) तैयार किया है. मोदी सरकार का मानना है कि सहकारिता के माध्यम से ही रोजगार पैदा होगा और किसानों के साथ-साथ छोटे और लघु उद्यमियों (Farmers and Small Scale Entrepreneurs) को भी आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. पिछले दिनों ही विश्व सहकारिता आंदोलन के शताब्दी दिवस पर केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सहकारिता क्षेत्र से रोजगार उत्सर्जन के साथ ही आत्मनिर्भर भारत बनाने पर बल दिया था. इस मौके पर उन्होंने आने वाले 25 सालों के लिए सहकारिता का ब्लूप्रिंट देश की जनता के सामने रखा. शाह ने बताया कि मौजूदा वक्त में विश्व की 12% आबादी 30 लाख सहकारिता क्षेत्र से जुड़ी हुई है. इसकी कुल अर्थव्यवस्था विश्व में चौथे स्थान पर हैं और भारत की अर्थव्यवस्था से भी बड़ी है. भारत में सहकारिता आंदोलन दुनिया में सबसे बड़ा है. वर्तमान में भारत में 90 प्रतिशत गांवों को कवर करने वाली 8.5 लाख से ज्यादा सहकारी समितियों के नेटवर्क है. यह ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में समावेशी विकास के उद्देश्य से सामाजिक-आर्थिक विकास लाने के लिए महत्वपूर्ण संस्थान हैं.
आपको बता दें कि अमूल, इफ्को, कृभको, नाफेड आदि भारत में सहकारिता आंदोलन की कुछ जानी-मानी सफलता की कहानियां हैं. मोदी सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नव गठित सहकारिता मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. इसके गठन के बाद से ही मंत्रालय नई सहकारिता नीति और योजनाओं के मसौदे पर काम कर रहा है. भारत सरकार और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा बीते 4 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 100वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस का कार्यक्रम रखा गया था, जिसके मुख्य अतिथि अमित शाह थे. एनसीयूआई भारत में सहकारिता शिक्षा और प्रशिक्षण पर केंद्रित सहकारिता आंदोलन का एक सर्वोच्च संगठन है
आपको बता दें कि अमूल, इफ्को, कृभको, नाफेड आदि भारत में सहकारिता आंदोलन की कुछ जानी-मानी सफलता की कहानियां हैं. मोदी सरकार ने जुलाई, 2021 में सहकारिता मंत्रालय का गठन किया था. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को नव गठित सहकारिता मंत्रालय का प्रभार दिया गया था. इसके गठन के बाद से ही मंत्रालय नई सहकारिता नीति और योजनाओं के मसौदे पर काम कर रहा है. भारत सरकार और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) द्वारा बीते 4 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में 100वें अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता दिवस का कार्यक्रम रखा गया था, जिसके मुख्य अतिथि अमित शाह थे. एनसीयूआई भारत में सहकारिता शिक्षा और प्रशिक्षण पर केंद्रित सहकारिता आंदोलन का एक सर्वोच्च संगठन है