बैंकों के कर्ज में बढ़ोतरी (Credit Growth) 3 साल की उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसका खुलासा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की ओर से हाल ही में जारी आंकड़ों से हुआ है. इसके मुताबिक, 3 जून, 2022 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों के कर्ज में पिछले साल की समान अवधि (YoY) की तुलना में 13.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. पिछले साल बैंक कर्ज की ग्रोथ रेट महज 5.7 फीसदी थी. बैंकों मुख्य रूप से कर्ज से मिलने वाले ब्याज पर भी टिके होते हैं. इसलिए यह आंकड़ा बैंकों के लिए राहतभरा है.
केंद्रीय बैंक के डेटा के मुताबिक, 3 जून, 2022 को समाप्त पखवाड़े में बैंकों ने 1.02 लाख करोड़ रुपये कर्ज दिया. इससे बैंकों की ओर से दिया गया कुल कर्ज बढ़कर 121.40 लाख करोड़ रुपये हो गया है. पिछले शुक्रवार को एक प्रोग्राम में रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था, “हम संतोषजनक कर्ज यानी क्रेडिट उठाव देख रहे हैं. नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, यह करीब 12 फीसदी सालाना है. पिछले साल, इस समय के आसपास कर्ज में बढ़ोतरी 5-6 फीसदी थी.”
नॉन बैंकिंग सेक्टर भी आगे
इंडिया रेटिंग्स में डायरेक्टर और हेड (फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस) प्रकाश अग्रवाल ने कहा, “कर्ज में दो डिजिट की बढ़ोतरी के कई कारण हैं, जो हम सिस्टम में देख रहे हैं. महामारी के दौरान कंपनियों की वर्किंग कैपिटल की जरूरतों में कमी आई थी, जो अब सामान्य हो रही है.” बिजनेस स्टैंडर्ड वेबसाइट ने अग्रवाल के हवाले से बताया है कि नॉन बैंकिंग सेक्टर की तरफ से कर्ज बढ़ा है. रिटेल लोन में वृद्धि को तेजी से बढ़ते हाउसिंग लोन से जबरदस्त समर्थन मिला है. वैसे बता दें कि हालांकि, बैंकों के कर्ज में बढ़ोतरी का यह आंकड़ा कोरोना महामारी पूर्व अप्रैल 2019 के आंकड़े से पीछे है. अप्रैल 2019 कर्ज में बैंकों ने कर्ज में 14.19 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की थी.
डिपॉजिट में भी ग्रोथ
वहीं, इस अवधि के दौरान बैंकों में 1.59 लाख करोड़ रुपये डिपॉजिट बढ़ी है. इस वजह से बैंकों में डिपॉजिट 167.33 लाख करोड़ रुपये हो गया है. चालू वित्त वर्ष में अब तक बैंकों में 2.5 लाख करोड़ रुपये की डिपॉजिट में बढ़ोतरी हुई है. सालाना आधार पर बैंकिंग सिस्टम में डिपॅजिट में 9.3 फीसदी बढ़ोतरी रही है. इस पखवाड़े में पिछले पखवाड़े की तुलना में कर्ज और डिपॉजिट अनुपात का अंतर बढ़ गया है.