भारतीय शेयर मार्केट ने हाल ही में निफ्टी 50 इंडेक्स को 16,000 के अहम स्तर से नीचे जाते देखा है. इसका मतलब यह हुआ कि बाजार अपने ऑल टाइम हाई 18,604 से 14.5 फीसदी की गिरावट देख चुका है. अगर इतिहास पर नजर डालें, तो मौजूदा मंदी यानी बेयर मार्केट शेयरों को खरीदने का अच्छा समय है. विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक मजबूती के मामले में भारत मध्यम से लंबी अवधि में दूसरे देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है. सीधे इक्विटी मार्केट में निवेश नहीं करने वाले निवेशक लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं.
वर्तमान हालात में बढ़ती महंगाई और कमोडिटी की ऊंची कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए जब केंद्रीय बैंक दरें बढ़ा रहे हैं, तो निवेशक लार्ज-कैप शेयरों को पसंद करते हैं. केंद्रीय बैंक की सख्ती के कारण बाजार में दरें बढ़ने और कम लिक्विडिटी के कारण कंपनियों को अधिका ब्याज लागत और कम रेवेन्यू का सामना करना पड़ता है. मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियां दरें बढ़ने और कम लिक्विडिटी से सबसे अधिक प्रभावित होतीं हैं, क्योंकि उनके पास बढ़ी हुई लागत को एडजस्ट करने की क्षमता बहुत कम होती है.
इन फंडों की सलाह
CNBCtv18 ने इन्वेस्ट ऑनलाइन के फाउंडर अभिनव अंगिरिश के हवाले से रिपोर्ट दी है कि रिस्क लेने वाले निवेशक लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड का चयन कर सकते हैं. रिपोर्ट में मध्यम रिस्क लेने वाले निवेशकों को लार्ज-कैप कैटगरी में केनरा रोबेको ब्लूचिप इक्विटी फंड का सुझाव दिया गया है. वहीं, थोड़ा अधिक रिस्क लेने वाले निवेशक वैल्यू फंड कैटेगरी में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड चुन सकते हैं.
ऐसे मिले रिटर्न
केनरा रोबेको ब्लूचिप इक्विटी फंड में एक महीने में -2.6 फीसदी, 3 महीने में -0.82 फीसदी, 6 महीने में 6.1 फीसदी, 1 साल में 3.04 फीसदी, 3 साल में 14.41 फीसदी, 5 साल में 12.97 फीसदी, 7 साल में 12.46 फीसदी और 10 साल में 14.64 फीसदी रिटर्न दिया है. वहीं, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू डिस्कवरी फंड ने 1 महीने में -1.99 फीसदी, 3 महीने में 1.6 फीसदी, 6 महीने में 3.88 फीसदी, 1 साल में 16.67 फीसदी, 3 साल में 18.79 फीसदी, 5 साल में 12.94 फीसदी, 7 साल में 11.92 फीसदी और 10 साल में 18.15 फीसदी रिटर्न दिया है.