इजराइल (Israel) के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट (Naftali Bennett) ने मंगलवार को ईरान पर आरोप लगाते हुए कहा कि ईरान (Iran) परमाणु जांच से बचने के लिए यूएन (UN) के चुराए गए दस्तावेजों का इस्तेमाल कर रहा है. उन्होंने कहा कि यह सब परमाणु कार्यक्रम की जांच को रोकने की योजना है. इस योजना के तहत आंतरिक संयुक्त राष्ट्र परमाणु निगरानी रिपोर्ट चोरी कर ली गई. हालांकि इस मामले में न तो तेहरान और न ही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी ( IAEA) ने आरोपों के बारे में टिप्पणी के अनुरोधों का तुरंत जवाब दिया है.
वहीं, जानकारों का कहना है कि यह रुकी हुई वियना वार्ता में 2015 के ईरानी परमाणु समझौते को नवीनीकृत करने से बड़ी शक्तियों को रोकने के लिए इजराइली अभियान का हिस्सा लग रहा है. प्रधानमंत्री बेनेट ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘ईरान ने गोपनीय (आईएईए) दस्तावेज चोरी किए… और उस जानकारी का इस्तेमाल परमाणु जांच से बचने के लिए किया. इनमें से कुछ का अंग्रेजी में अनुवाद भी किया गया. और रही यह बात कि ‘हम कैसे जानते हैं? तो इसका जवाब है कि ईरान की धोखे की योजना पर हमारी निगाह थी.’
परमाणु केंद्र को बताया सामान्य निर्माण
इस को लेकर बेनेट के एक सहयोगी ने कहा कि बाद के दावे में 2018 में इजराइली जासूसों के प्रकाशन का उल्लेख किया गया था, जो ईरान में जब्त किए गए दस्तावेजों और परमाणु परियोजनाओं से संबंधित दस्तावेजों का एक गुप्त संग्रह था. तेहरान ने उस तथाकथित ‘परमाणु केंद्र’ को एक सामान्य निर्माण कहा था. इजराइल के प्रधानमंत्री बेनेट ने एक ईरानी रक्षा अधिकारी का हवाला दिया है और बताया है कि इस अधिकारी ने कथित दस्तावेजों में लिखा है कि ‘जल्द या बाद में वे (आईएईए) हमसे पूछेंगे, और हमें उनके लिए एक बड़ी कवर स्टोरी की आवश्यकता होगी.’
हमारा परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है: ईरान
इधर, ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है. इजराइल, वाशिंगटन और आईएईए ने लंबे समय से स्पष्ट किया है कि उनका मानना है कि ईरान के पास 2003 तक एक समन्वित परमाणु हथियार कार्यक्रम था. आईएईए ने ईरान की पिछली गतिविधियों की जांच में एक दशक से अधिक समय बिताया, और अब तीन अघोषित स्थलों पर पाए गए यूरेनियम कणों की उत्पत्ति पर ईरान से फिर से जवाब मांग रहा है.
हम कह रहे हैं यह डील ठीक नहीं: इजराइल
अमेरिका और पांच अन्य शक्तियों ने 2015 के सौदे को नवीनीकृत करने पर ईरान के साथ अलग-अलग बातचीत की है, जिसे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपर्याप्त मानते हुए छोड़ दिया था. इजराइल उन वार्ताओं में शामिल नहीं है, लेकिन विदेशी शक्तियों पर उसका कुछ प्रभाव है. इजराइल के विदेश मंत्री यायर लैपिड ने तेल अवीव रेडियो स्टेशन 103 एफएम को बताया, ‘हम कह रहे हैं: यह एक अच्छा सौदा नहीं है, और अगर इस पर हस्ताक्षर नहीं किए गए तो कोई आपदा नहीं होगी.’