देश के हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की भारी कमी के कारण विभिन्न उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम ने उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तौर पर नियुक्ति के लिए करीब 100 नामों की सिफारिशें की है. इनकी नियुक्ति प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं. उच्चतर न्यायपालिका के सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले लोगों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों के कॉलेजियम ने कम से कम 10 उच्च न्यायालयों में न्यायाधीश के तौर पर करीब 100 नामों की नियुक्ति की सिफारिश की है. गौरतलब है कि 25 उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के स्वीकृत पदों की संख्या 2022 में बढ़कर 1,104 हो गयी है, जो 2014 में 906 थी. एक मई तक उच्च न्यायालयों में 391 रिक्तियां थीं और न्यायाधीशों की संख्या 713 थी.
अधिवक्ता भी बनेंगे जज
प्रक्रिया के अनुसार, उच्च न्यायालय के कॉलेजियम द्वारा भेजी गयी सिफारिश की प्रति विधि मंत्रालय में न्याय विभाग को भी भेजी जाती है. विभाग इसे उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम को भेजने से पहले इसके साथ उम्मीदवारों की खुफिया ब्यूरो की रिपोर्ट और अन्य संबंधित जानकारियां भी संलग्न करता है. हाल के समय में उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम के अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने की सिफारिशें सरकार ने मंजूर कर ली. कुछ सिफारिशें अब भी लंबित हैं, जिनमें दिल्ली और चेन्नई के कम से कम तीन अधिवक्ता शामिल हैं.
5 हजार से ज्यादा जजों के पद खाली
हालांकि जजों की कमी सबसे ज्यादा निचली अदालतों में है. आंकड़ों के मुताबिक देश के विभिन्न अदालतों में 5,596 जजों के पद खाली हैं. देश के 646 जिलों में 3,356 कोर्ट परिसर हैं और पूरे देश में करीब 4.60 करोड़ मामले लंबित हैं. इनमें से 4.4 लाख मामले निचली अदालतों में लंबित है. यहां तक कि 29 नवंबर 2021 तक देश के सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में जजों के 403 पद खाली पड़े थे.