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सरकार ने अब चीनी निर्यात पर लगाई रोक, एक्सपोर्ट के लिए विशेष अनुमति लेनी होगी, क्या होगा इसका असर?

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केंद्र सरकार ने चीनी के निर्यात की सीमा तय करने के साथ ही इसके निर्यात पर रोक लगा दी है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने इस बाबत 24 मई की रात को एक अधिसूचना जारी की. इस आदेश के मुताबिक एक जून, 2022 से 31 अक्टूबर, 2022 तक, या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो, चीनी के निर्यात की अनुमति खाद्य मंत्रालय के तहत चीनी निदेशालय की विशिष्ट अनुमति के साथ दी जाएगी.

सरकार ने बुधवार को कहा कि चीनी की घरेलू स्तर पर उपलब्धता और दरों में स्थिरता बनाए रखने के लिए उसने चालू विपणन वर्ष में इसके निर्यात को एक करोड़ टन तक सीमित करने के लिए अधिसूचना जारी की है. बढ़ती मुद्रास्फीति के बीच सरकार कीमतों को नियंत्रित करने के लिए एहतियात के तौर पर ये कदम उठा रही है.

90 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध पूरा
चालू विपणन वर्ष (अक्टूबर-सितंबर) के लिए करीब 90 लाख टन के निर्यात के लिए अनुबंध किए जा चुके हैं. चीनी मिलों से करीब 82 लाख टन चीनी निर्यात के लिए निकाली जा चुकी है और करीब 78 लाख टन का निर्यात किया जा चुका है.

चीनी का निर्यात रिकॉर्ड हाई पर
खाद्य मंत्रालय के मुताबिक यह निर्णय चीनी के रिकॉर्ड निर्यात की पृष्ठभूमि में लिया गया है. विपणन वर्ष 2021-22 में चीनी का निर्यात ऐतिहासिक रूप से उच्च स्तर पर पहुंच गया था. 2020-21 में निर्यात 70 लाख टन और 2019-20 में 59.6 लाख टन था.

क्यों लिया फैसला ?
मंत्रालय ने कहा, ‘‘चीनी निर्यात अभूतपूर्व तरीके से बढ़ने के मद्देनजर और देश में चीनी का पर्याप्त भंडार बनाए रखने, देश में चीनी के दाम बढ़ने से रोकने और देश के आम नागरिकों की हितों की रक्षा के लिए भारत सरकार ने एक जून 2022 से चीनी के निर्यात का नियमन करने का फैसला लिया है.’’

इस बयान में कहा गया कि चीनी मिलों और निर्यातकों को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग में चीनी निदेशालय से निर्यात रिलीज ऑर्डर (ईआरओ) के रूप में मंजूरी लेनी होगी.

भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक
इस फैसले से सुनिश्चित होगा कि सितंबर 2022 की समाप्ति तक चीनी का भंडार 60-65 लाख टन बना रहे जो घरेलू स्तर पर दो से तीन महीने के लिए जरूरी भंडार है. मंत्रालय ने कहा कि 31 मई तक चीनी निर्यात की इजाजत होगी. उसने कहा कि सरकार चीनी क्षेत्र में उत्पादन, उपभोग, देश भर के थोक और खुदरा बाजारों में निर्यात और कीमतों पर लगातार नजर रख रही है. चालू वर्ष में भारत चीनी का सबसे बड़ा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है.

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