क्वाड समिट (Quad Summit) में जापान के पीएम फुमियो किशिदा (Japan PM Fumio Kishida) ने यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच युद्ध को लेकर भारत के तटस्थ रवैये पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि, भारत ने इस मुद्दे पर शुरू से ही वार्ता के जरिए आगे बढ़ने की बात पर जोर दिया है. अंतरराष्ट्रीय संबंधों में भी कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि समान विचारधारा वाले देशों में भी किसी मुद्दे को लेकर एकसमान सहमति न हो.
जापान के पीएम किशिदा ने पश्चिमी देशों के विपरीत यूक्रेन युद्ध पर भारत के तटस्थ रुख को समझने की कोशिश की. उन्होंने ना सिर्फ मास्को की आलोचना की बल्कि पुतिन को कीव में संघर्ष को बढ़ाने से रोकने के लिए क्रेमलिन पर दंडात्मक प्रतिबंध भी लगाए.
जापान के पीएम किशिदा ने कहा कि, भारत शुरू से यह कहता आया है कि इस संकट को सिर्फ बातचीत के जरिए ही खत्म किया जा सकता है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक देश के अपनी ऐतिहासिक संबंधों के साथ-साथ भौगोलिक स्थिति भी होती हैं. समान विचारधारा वाले देशों में भी ऐसा हो सकता है कि स्थितियां पूरी तरह से सहमत न हों.
उन्होंने यह भी कहा कि जहां तक यूक्रेनी के हालात का सवाल है, सभी क्वाड वार्ता के साथ-साथ कानून, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के महत्व पर जोर देते हैं. किसी भी क्षेत्र में यथास्थिति या सैन्य बल के जरिए एकतरफा परिवर्तन की अनुमति नहीं दी जाएगी.
इस समिट के समापान के अवसर जापान के पीएम किशिदा ने कहा कि, यूक्रेन पर रूस का आक्रमण एक ऐसी घटना जिसने अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की नींव को हिलाक र रख दिया. राष्ट्रपति बिडेन, पीएम मोदी और पीएम अल्बनीज़ के साथ हम प्रतिबद्धता के साथ एक शक्तिशाली संदेश भेजने में सक्षम हैं.
वहीं इस सम्मेलन की शुरुआत में उन्होंने अपने भाषण में भारत में कोरोना संकट से निपटने के लिए पीएम मोदी के प्रयासों की तारीफ की.