भारत में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद अब फिर से घटने लगे हैं. फिलहाल देश में सक्रिय कोविड मरीजों की संख्या 15 हजार के आसपास है. जबकि पिछले 24 घंटे में 2323 नए कोरोना मरीज सामने आए हैं. रोजाना के मामलों के घटने से एक्टिव केसों की संख्या में आ रही कमी को देखते हुए कोरोना की अगली लहर से राहत मिलने की उम्मीद नजर आ रही है. हालांकि नॉर्थ कोरिया सहित चीन आदि देशों में कोरोना आउटब्रेक होने और मरीजों में संक्रमण फैलने की वजह से और कुछ दिन पहले भारत के विशेषज्ञों की ओर से जून के लगभग आखिर में कोरोना की चौथी लहर आने के अनुमानों के बाद कोरोना को लेकर लोगों में डर भी पैदा हो रहा है. ऐसे में क्या कोरोना अभी भी गंभीर रूप से ले सकता है? ये सबसे बड़ा सवाल है.
दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के पूर्व निदेशक डॉ. एमसी मिश्र कहते हैं कि तीसरी लहर में कोरोना केसेज की संख्या लाखों में पहुंचने के बाद संक्रमण की रफ्तार थम गई थी. हालांकि अप्रैल से फिर कोरोना के मामलों में थोड़ा-थोड़ा उछाल देखा जाने लगा. इससे यह तो तय हुआ कि कोरोना वायरस भारत से गया नहीं है, यहीं हमारे आसपास ही है लेकिन यह उछाल इतना ज्यादा नहीं था कि इसके चलते किसी प्रकार की लहर का अनुमान लगाया जा सके. लाखों की संख्या तक पहुंचे कोरोना संक्रमण के बाद कोरोना के मामलों की यह काफी छोटी संख्या है जो अभी दिखाई दे रही है.
डॉ. मिश्र कहते हैं कि रोजाना दो-ढाई हजार के आसपास कोरोना के मरीज मिल रहे हैं. जांचें भी पर्याप्त संख्या में हो रही हैं. कोरोना के दौरान डेडिकेट किए गए अस्पतालों में अभी तक कोविड सुविधा है, कोविड डेडिकेटेड बेड्स हैं, स्टाफ है लेकिन इस समय बेहद हल्के लक्षणों वाले और कम मरीज सामने आ रहे हैं. पिछले कुछ दिन से कोरोना के मामले और भी घट रहे हैं, जबकि स्कूल, कॉलेज, दुकानें, बाजार, रेस्तरां और अन्य सार्वजनिक जगहें पूरी क्षमता के साथ खुल रही हैं. इन सब चीजों को देखने के बाद जो चीजें सामने आ रही हैं वे ये हैं कि कोरोना मौजूद जरूर है लेकिन उतना असरकारी नहीं है.
वे कहते हैं कि आज कोरोना के खिलाफ भारत के लोगों के पास दो तरह की इम्यूनिटी है. एक संक्रमण के बाद विकसित हुई रोग प्रतिरोधक क्षमता और दूसरी कोरोना वैक्सीन से विकसित की गई इम्यूनिटी. भारत में अधिकांश लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी हैं. वहीं ऐसा अनुमान है कि लगभग सभी लोग कोरोना की इन तीनों लहरों में से किसी न किसी में इस वायरस से संक्रमित भी रह चुके हैं, जिसकी वजह से उनके शरीर में इस वायरस से लड़ने की शक्ति पैदा हो गई है. यही वजह है कि कोरोना वायरस आज प्रभावित कर भी रहा है तो ज्यादा असर नहीं डाल पा रहा है. इससे यही अनुमान है कि अब कोरोना की चौथी या अगली लहर नहीं आएगी. इसी तरह कोरोना के मरीज कुछ संख्या में मिलते रहेंगे लेकिन गंभीर जैसा कुछ नहीं होगा.
लेकिन कोरोना का खतरा खत्म नहीं हुआ…
डॉ. मिश्र कहते हैं कि कोरोना की चौथी लहर भले न आए लेकिन इसका मतलब यह नही है कि कोरोना खत्म हो गया है या इसका खतरा भारत से पूरी तरह निकल गया है. यह वायरस है, इसे जैसे ही ताकत मिलेगी यह फिर से आक्रमण कर सकता है. जैसे ही इसे नया रूप मिलेगा यह सामने आ सकता है. अगर अभी की भी बात करें तो कुछ मौतें तो अभी भी इस वायरस से संक्रमित लोगों की हो ही रही हैं. मौतें शून्य तो हुई नहीं हैं, लिहाजा ये खतरा सामने नहीं है लेकिन टला नहीं है. यही वजह है कि लोगों को अपने कोरोना अनुरूप व्यवहार का पालन करते रहना है. मास्क पहनना है. साफ-सफाई का ध्यान रखना है. खुद को स्वस्थ रखना है, पोषणयुक्त खाना खाना है. किसी भी लक्षण को नजरअंदाज नहीं करना है.