संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि, आर रवींद्र ने सीरिया की मौजूदा स्थिति पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि सीरिया में राष्ट्रव्यापी युद्धविराम तत्काल लागू करने की आवश्यकता है. आर रवींद्र संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में (यूएनएससी) मिडिल ईस्ट की स्थिति पर ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे थे.
सुरक्षा परिषद में संबोधन के दौरान रवींद्र ने कहा कि संवैधानिक समिति के लघु निकाय के अगले सत्र का शीघ्र आयोजन वार्ता में गति बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि विश्वसनीय प्रगति सुनिश्चित करने के लिए, सभी पक्षों को समझौते की भावना के साथ रचनात्मक और उद्देश्यपूर्ण तरीके से जुड़ने की जरूरत है. भारत का पक्ष रखते हुए रवींद्र ने कहा कि हम कदम दर कदम राजनीतिक ट्रैक पर गति बनाने के लिए विशेष दूत की सक्रिय कूटनीति का समर्थन करते हैं.
परिषद में रवींद्र ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि भारत संघर्ष का दीर्घकालिक समाधान खोजने में क्षेत्रीय प्रयासों के समर्थन का लगातार आह्वान करता रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले महीनों में पड़ोस के अरब देशों के साथ सीरिया के संबंधों में बड़े स्तर पर प्रगति देखी गई है. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के मोर्चे पर सीरिया में एक व्यापक राष्ट्रव्यापी युद्धविराम की दिशा में वास्तव में गंभीर प्रयासों की तत्काल आवश्यकता है. इस उद्देश्य के लिए हम मानते हैं कि इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विदेशी बलों की वापसी आवश्यक है.
रवींद्र ने कहा कि भारत सीरिया में आतंकवादी समूहों के फिर से पैदा होने के खतरे को बार-बार दोहराता रहा है. आईएसआईएल और हयात तहरीर-अल-शाम जैसे आतंकवादी समूह न केवल सीरिया में बल्कि इराक में भी फिर से पनप रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई के लिए संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए समझौता नहीं किया जा सकता और न ही किया जाना चाहिए.