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बिकवाली की वजह से विदेशी निवेशकों की हिस्सेदारी NSE 500 कंपनियों में तीन साल के निचले स्तर पर

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विदेशी निवेशक पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड में बिकवाली कर रहे हैं. अप्रैल के कुछ दिन छोड़ दिए जाएं तो पिछले 6 महीने से एफपीआई ने लगातार बिकवाली की है. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की मार्च 2022 में एनएसई 500 कंपनियों में हिस्सेदारी पिछले 3 साल के नीचले स्तर पर चली गई है. इतनी बड़े स्तर की बिकवाली कम ही देखने को मिलती है. हालांकि घरेलू निवेशकों से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है.

बैंक ऑफ अमेरिका के मल्टीनेशनल इंवेस्टमेंट बैंकिंग डिविजन BofA Securities की रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआईज का एनएसई 500 में स्वामित्व महज 19.5 फीसदी रह गया है. हालांकि बोफा का मानना है कि आने वाले समय में निवेश बढ़ने पर ओनरशिप लेवल में फिर उछाल दिख सकती है

विदेशी निवेशक पिछले कुछ महीनों से भारतीय शेयर बाजार में रिकॉर्ड में बिकवाली कर रहे हैं. अप्रैल के कुछ दिन छोड़ दिए जाएं तो पिछले 6 महीने से एफपीआई ने लगातार बिकवाली की है. एक अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की मार्च 2022 में एनएसई 500 कंपनियों में हिस्सेदारी पिछले 3 साल के नीचले स्तर पर चली गई है. इतनी बड़े स्तर की बिकवाली कम ही देखने को मिलती है. हालांकि घरेलू निवेशकों से बाजार को सपोर्ट मिल रहा है.

बैंक ऑफ अमेरिका के मल्टीनेशनल इंवेस्टमेंट बैंकिंग डिविजन BofA Securities की रिपोर्ट के मुताबिक एफआईआईज का एनएसई 500 में स्वामित्व महज 19.5 फीसदी रह गया है. हालांकि बोफा का मानना है कि आने वाले समय में निवेश बढ़ने पर ओनरशिप लेवल में फिर उछाल दिख सकती है

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