यूक्रेनी सैनिकों ने दो हफ्ते पहले एक सुखोई एसयू-35एस को कम दूरी की मिसाइलों से मार गिराया था. यूक्रेनी वायु सेना के विशेषज्ञ इसके जले हुए अवशेषों से इस लड़ाकू विमान के बारे में महत्वपूर्ण और अब तक गोपनीय जानकारी हासिल कर चुके हैं और इसके बारे में ब्रिटिश खुफिया एजेंसी को भी जानकारी भेजी गई थी. ब्रिटिश और अमेरिकी वैज्ञानिक अब रूस के सबसे उन्नत लड़ाकू जेट की गुप्त टेक्नोलॉजी की जांच कर रहे हैं. सुखोई एसयू-35एस के उपकरणों को ब्रिटिश रक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला (Defence, Science and Technology Laboratory-DSTL) में ले जाया गया है. जहां अमेरिकी वायु सेना के दो विशेषज्ञों ने उनकी जांच में 10 दिन लगाए.
अब सुखोई एसयू-35एस से जुड़े सभी उपकरणों और जानकारी को अमेरिका के नेवादा में और अधिक फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. रूस के पहले सुखोई एसयू-35एस फाइटर जेट के गिरने से केवल रूस को ही झटका नहीं लगा है, जिसके पास इस समय 47 सुखोई एसयू-35एस फाइटर जेट हैं. इसने चीन को चिंता में डाल दिया है. जो रूस का बड़ा रक्षा साझेदार है. उसने 2015 में 24 सुखोई एसयू-35एस फाइटर जेट खरीदने के लिए रूस के साथ 2 अरब डॉलर का सौदा किया था.