भारतीय जीवन बीमा निगम के आईपीओ की लॉन्च डेट को लेकर सरकार लंबे समय से असमंजस में है. रूस-यूक्रेन युद्ध से बदली परिस्थितियों के कारण सरकार ने इसकी लॉंचिग को कुछ समय के लिए टाल दिया था. फिर एलआईसी आईपीओ के अप्रैल, 2022 में लॉन्च होने की खबरें आई. हालांकि, सरकार की ओर से अभी तक इस बारे में कुछ स्पष्ट नहीं किया गया है.
अब सरकारी सूत्रों के हवाले से लाइव मिंट ने लिखा है कि भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ सरकार इसी महीने, यानी अप्रैल में ही लॉन्च करने का पूरा मन बना चुकी है. सरकार को लगता है कि अब भारतीय शेयर बाजार में उतनी अनिश्चितता नहीं है, जितनी रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर थी. इसके साथ ही वैश्विक परिस्थितियां भी कुछ सहज हुई हैं.
सरकार का मानना है कि भारतीय बीमा बाजार वैश्विक फेक्टर्स जैसे तेल की बढ़ती कीमतों, कच्चे माल के रेटों में आए उछाल और रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभावों से अब तक अछुता रहा है. एलआईसी आईपीओ के संबंध में जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि सरकार को विदेशी निवेशकों को लेकर चिंता जरूर है, लेकिन, उसका मानना है कि आईपीओ को लॉंच करने का कोई एक उपयुक्त समय नहीं है. आज शेयर बाजार में जो परिस्थितियां हैं, वो कल बदल भी सकती हैं. भविष्य में कोई और भी बड़ा घटनाक्रम हो सकता है.
इन्हीं सब को देखते हुए सरकार ने अब एलआईसी आईपीओ को जल्द लॉन्च करने का मन बनाया है. आईपीओ लॉंचिंग के संबंध में निर्णय कुछ समय में लिया जाएगा. यह इसलिए होगा, क्योंकि सरकार ने अब इसे जल्द से जल्द लॉंच करने का मन बना लिया है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने आईपीओ लॉंचिंग के संबंध में किए गए सवाल का जवाब नहीं दिया है.
ज्यादा हिस्सेदारी बेच सकती है सरकार
सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम के पब्लिक इश्यू (IPO) के माध्यम से सरकार ने शुरू में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बात कही थी. लेकिन, अब खबर आ रही है कि सरकार सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी को 7.5 फीसदी तक बेचने का मन बना रही है. लेकिन, पेंच यह है कि सरकार निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए केवल 5.5 से 6.5 फीसदी के बीच हिस्सा ही बेच सकती है. सरकार को 7.5% से अधिक हिस्सा बेचने के लिए शेयर बिक्री दस्तावेज दाखिल करने होंगे.
ज्यादा हिस्सेदारी बेच सकती है सरकार
सरकार भारतीय जीवन बीमा निगम के पब्लिक इश्यू (IPO) के माध्यम से सरकार ने शुरू में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की बात कही थी. लेकिन, अब खबर आ रही है कि सरकार सरकार एलआईसी की हिस्सेदारी को 7.5 फीसदी तक बेचने का मन बना रही है. लेकिन, पेंच यह है कि सरकार निवेशकों के हितों को ध्यान में रखते हुए केवल 5.5 से 6.5 फीसदी के बीच हिस्सा ही बेच सकती है. सरकार को 7.5% से अधिक हिस्सा बेचने के लिए शेयर बिक्री दस्तावेज दाखिल करने होंगे.