कोरोना के बाद अर्थव्यवस्था में धीरे धीरे सुधार आ रहा है. मार्च में सर्विस सेक्टर का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है. मांग संबंधी परिस्थितियां मजबूत होने के कारण मार्च में सेवा क्षेत्र में गतिविधियां बेहतर हुई हैं. हालांकि इस महीने लागत 11 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. एक सर्वे में यह जानकारी दी गई.
एसऐंडपी ग्लोबल इंडिया सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधियां सूचकांक मार्च में 53.6 पर पहुंच गया. फरवरी में यह 51.8 पर था जो दिसंबर के बाद से विस्तार की सबसे तेज दर दर्शाता है. यह लगातार आठवां महीना है जब सेवा क्षेत्र ने उत्पादन में विस्तार देखा. ‘परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स’ (पीएमआई) 50 से ऊपर गतिविधियों में तेजी को सूचित करता है जबकि 50 से नीचे गिरावट को बताता है.
अर्थव्यस्था में तेज सुधार
एसऐंडपी ग्लोबल की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पॉलिएना डि लीमा ने बुधवार को कहा, ‘‘यूक्रेन में युद्ध ने सप्लाई चेन में पहले से आ रही परेशानियों को बढ़ा दिया. इससे भारतीय सेवा अर्थव्यवस्था में मुद्रास्फीति में फिर से तेजी आई. मार्च के नतीजों ने 11 साल में लागत में सबसे तेज उछाल दिखाया, हालांकि इससे क्षेत्र में सुधार प्रभावित नहीं हुआ.’’
उपभोक्ता खर्च करने के लिए तैयार
उन्होंने कहा कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों में ढील मिलने से भी उपभोक्ता खर्च करने के लिए तैयार हैं. कंपनियों ने 2022 में अब तक बिक्री और गतिविधियों में सबसे तेज विस्तार देखा. हालांकि मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं के कारण कारोबारी विश्वास अभी कमजोर बना हुआ है. बीते 11 साल में लागत सबसे तेजी से पिछले वित्त वर्ष के अंत में बढ़ी. हालांकि कंपनियों ने ज्यादातर भार स्वयं पर लिया और कीमतों में मामूली वृद्धि ही की.
कंपनियां उत्साहित
सर्वे में कहा गया कि मुद्रास्फीति अनुमानों के कारण मार्च में कारोबारी विश्वास कमजोर बना रहा. वृद्धि की संभावनाओं से कंपनियां उत्साहित जरूर हैं लेकिन ऐतिहासिक आंकड़ों के संदर्भ में धारणा नरम रहीं. इस बीच समग्र पीएमआई उत्पादन सूचकांक मार्च में 54.3 रहा. फरवरी में यह 53.5 था. यह इस साल विस्तार की सबसे मजबूत दर को दर्शाता है. एक रिपोर्ट के मुताबिक, अप्रैल -जून तिमाही में नौकरी की संख्या भी तेजी से बढ़ेंगी.