Home राष्ट्रीय Bank लगातार 4 दिन बंद रहेंगे, परेशानी से बचने के लिए छुट्टियों...

Bank लगातार 4 दिन बंद रहेंगे, परेशानी से बचने के लिए छुट्टियों के हिसाब से बनाइए प्लान, जानिए डिटेल

26
0

आज शनिवार से लेकर मंगलवार तक बैंक बंद रहेंगे. साप्ताहिक अवकाश और बैंक हड़ताल की वजह से लगातार चार दिन तक बैंकों में काम नहीं होगा.अगर आज आप अपना जरूरी काम नहीं कर पाए तो फिर आपको चार दिन तक इंतजार करना होगा.

जहां शनिवार और रविवार साप्ताहिक छुट्टी (Bank Holiday) की वजह से बैंक में काम-काज नहीं होगा, वहीं 28 और 29 मार्च (सोमवार और मंगलवार) को बैंक यूनियन की तरफ से किए जाने वाले हड़ताल (Bank Strike) की वजह से बैंकों में काम नहीं होगा. देशभर की बैंक यूनियन्‍स ने सरकार की कथित निजीकरण की नीतियों के विरोध में दो दिन हड़ताल करने का आह्वान किया है.

ग्राहकों को होगी मुश्किल
बैंक यूनियन की हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं (Banking Services) पर विपरीत असर पड़ सकता है, जिससे आम लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना होगा. हालांकि, आजकल बहुत सी बैकिंग सेवाएं ऑनलाइन उपलब्‍ध है, लेकिन कुछ कार्य बैंक शाखा में ही जाकर करवाने होते हैं.

भारतीय बैंक संघ (IBA) के हवाले से बताया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण और बैंक कानून संशोधन विधेयक-2021 के विरोध में बैंक यूनियन की ओर से 28 और 29 मार्च को बुलाई गई दो दिवसीय हड़ताल में ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिएशन (AIBEA), बैंक एम्प्लॉयज फेडरेशन ऑफ इंडिया (BEFI) और ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) हिस्‍सा लेगी. देश के सबसे बड़े स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से कहा गया है कि बैंक यूनियन की हड़ताल की वजह से 28 मार्च और 29 मार्च को बैंक काम-काज प्रभावित रहेगा.

ग्रामीण बैंक भी रहेंगे बंद
इस बार ग्रामीण बैंकों ने भी हड़ताल में रहेगी. ऑल इंडिया रीजनल रूरल बैंक इम्पलाइज एसोसिएशन (AIRRBEA) का कहना है कि उसकी तरफ से भी हड़ताल का नोटिस केंद्र सरकार को पिछले महीने ही भेज दिया गया है. एसोसिएशन का कहना है कि सरकार ग्रामीण बैंकों से भी पीछा छुड़ाना चाहती है. केंद्र सरकार इन बैंकों में अपनी 50 फीसदी हिस्‍सेदारी निकालना चाहती है. अभी ग्रामीण बैंकों में केंद्र सरकार की 50 फीसदी और राज्य सरकार की 15 प्रतिशत हिस्‍सेदारी है. संबंधित सरकारी बैंक की 35 फीसदी पूंजी लगी लगी हुई है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here