यूक्रेन पर रूस (Ukraine-Russia War) के अवैध युद्ध के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों (Sanctions On Russia) और अमेरिका की टिप्पणियों के बावजूद भारत ने रूस से रियायती कच्चा तेल (Crude Oil) खरीदने का फैसला किया है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि रूसी तेल खरीदना मास्को के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं है, लेकिन उन्होंने भारत को नसीहत देते हुए कहा कि, वे यह सोचें कि जब इतिहास लिखा जाएगा तो आप कहां खड़ें होंगे?
हालांकि भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि “वैध ऊर्जा लेनदेन का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए.” यह भी कहा कि रूस भारत की तुलना में अन्य देशों को ज्यादा तेल बेचता है. इनमें वे देश भी शामिल हैं जिन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाए हैं लेकिन फिर भी इनमें से कई देशों ने रूस से तेल खरीदना जारी रखा है.
ये बड़े देश रूस से खरीदते हैं कच्चा तेल
चीन
रूस से कच्चे तेल का आयात करने के मामले में चीन, यूरोपीय यूनियन के बाद दूसरा सबसे बड़ा देश है. इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी, तेल उत्पादन पर नजर रखती है. इस एजेंसी का कहना है कि इस दौरान समुद्री शिपमेंट में भी वृद्धि हो सकती है. क्योंकि रूसी कच्चा तेल चीन की ओर बढ़ रहा है.
फ्रांस
फ्रांस में 2021 में कुल आयात का 9.5 प्रतिशत कच्चा तेल रूस का था. हालांकि फ्रेंच एसोसिएशन ऑफ पेट्रोलियम इंडस्ट्री ने कहा है कि वैकल्पिक आपूर्ति हो सकती है और पुष्टि करते हुए कहा कि हम रूसी डीजल की निर्भरता कम कर रहे हैं.