रूस और यूक्रेन की जंग का शनिवार को 17वां दिन था. यूक्रेन के शहरों पर रह-रहकर रॉकेट बरस रहे हैं. रूसी सैनिकों और यू्क्रेनियों के बीच गुरिल्ला युद्ध छिड़ा हुआ है. सैकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है. तमाम इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई हैं. लोग जान बचाने के लिए बंकरों में छिपे हुए हैं. दुनिया भर से अपील की जा रही है कि इस जंग को बंद किया जाए. लेकिन रूसी राष्ट्रपति युद्ध रोकने के मूड में नहीं हैं. फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (Emmanuel Macron) ने शनिवार को व्लादीमीर पुतिन (Vladimir Putin) के साथ 75 मिनट की बातचीत के बाद बताया कि रूस पर शांति की अपीलों का कोई असर नहीं हो रहा है.
बिगड़ते हालात के बीच रूस की सेना राजधानी कीव (Kyiv) के करीब पहुंच गई हैं. शनिवार को कीव के आसपास के इलाकों में जमकर गोलाबारी हुई. राजधानी के नजदीक वसिलकीव में एक एयरबेस और हथियारों के एक डिपो पर मिसाइलें आकर गिरीं, जिससे वो तबाह हो गए. ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस की फौजें राजधानी कीव से महज 25 किमी की दूरी पर उत्तर-पूर्व में हैं. रूसी सैनिकों ने खारकीव, चेरनीहीव, सूमी और मारियोपोल की घेराबंदी कर रखी है. यूक्रेनी सैनिक मोर्चे पर डटे हुए हैं, लेकिन यही स्थिति रही तो अगले कुछ ही दिनों में रूसी फौजें कीव तक पहुंच जाएंगी.
उधर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की (Volodymyr Zelenskiy) ने दावा किया कि रूस को फौज की नई टुकड़ियों को भेजने पर मजबूर होना पड़ा है क्योंकि उनके सैनिक अब तक रूस की 31 बटालियन को धूल चटा चुके हैं. उन्होंने दावा किया कि रूस को हुआ ये अब तक का सबसे बड़ा नुकसान है. इस लड़ाई में यूक्रेन के भी 1300 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं. जेलेंस्की ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उसने राजधानी कीव में घुसने की कोशिश की, या बम बरसाए तो उसे हम सबकी लाशों पर से गुजरना होगा. यहां का इतिहास मिटाना होगा. लेकिन हम भी यहां रूसी सैनिकों का सामना करने के लिए तैयार हैं. चेरनीहीव के गवर्नर ने आंखों में आंसू लिए वीडियो जारी किया और कहा कि अब यहां कुछ नहीं बचा है. सबकुछ तबाह हो गया है. लेकिन यूक्रेन अभी बुलंद खड़ा हुआ है और खड़ा रहेगा.
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने पश्चिमी देशों से एक बार फिर अपील की कि वह पुतिन को समझाएं और युद्ध को बंद करवाएं. जेलेंस्की ने इस सिलसिले में जर्मनी के चांसलर ओलाफ शोल्ज़ और फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों से बातचीत की. इसके बाद जर्मनी और फ्रांस के राष्ट्रप्रमुखों की पुतिन से फोन पर बात हुई. 75 मिनट की वार्ता के बाद क्रेमलिन की तरफ से जो बयान जारी किया गया, उसमें संघर्षविराम को लेकर कुछ नहीं कहा गया. उलटे रूस के उप विदेश मंत्री ने आरोप लगा दिया कि अमेरिका तनाव को बढ़ावा देकर हालात को जटिल बना रहा है.